लव जिहाद के नाम पर लाए गए धर्मांतरण विरोधी क़ानून का असली मक़सद क्या है? लव जिहाद क्या है? वस्तुतः लव जिहाद मुसलमानों के ख़िलाफ़ प्रोपेगेट किया गया फिकरा है। प्रेम का ढोंग करके हिंदू लड़की को मुसलमान बनाना लव जिहाद है। प्रचारित किया जा रहा है कि 'शिकारी' मुसलमान लड़के भोली-भाली हिन्दू लड़कियों को अपने जाल में फँसाकर शादी करने के लिए जबरन उनका धर्म परिवर्तन कराते हैं। तुलसीदास के शब्दों में 'जिमि स्वतंत्र होई बिगरही नारी'! तुलसी बाबा के अनुयाइयों को ऐसा यक़ीन भी है। इसलिए हिन्दू लड़कियों को आज़ाद नहीं छोड़ना चाहिए।
धर्मांतरण क़ानून दलितों को दलित बनाये रखने की साज़िश है?
- विचार
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- रविकान्त
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- 6 Dec, 2020


रविकान्त
आज जिस प्रकार हिंदू धर्म के अतीत की व्यवस्था को पुनर्स्थापित करने की कोशिश हो रही है, उसके प्रतिरोध में बाबा साहब का रास्ता अपनाने की ज़रूरत अब दलित ही नहीं बल्कि चेतना संपन्न पिछड़ी जाति के लोग भी महसूस कर रहे हैं। यूपी सरकार और अन्य बीजेपी शासित राज्यों में धर्मांतरण संबंधी क़ानून, ख़ासकर दलितों के धर्मांतरण को रोकने के लिए लाया गया है। हालाँकि इस क़ानून के शिकार मुसलिम नौजवान और हिंदू लड़कियाँ भी होंगी
मनुस्मृति के विधान के आधार पर स्त्रियों को पिता, भाई, पति या पुत्र की छत्रछाया में ही जीवन-यापन करना चाहिए! पुरुष आख़िर स्त्री के भले के लिए ही तो ऐसा करता है! बहरहाल, हिन्दुत्ववादी इस प्रोपेगेंडा के मार्फत स्त्री को दहलीज के भीतर धकेलने की कोशिश तो कर ही रहे हैं लेकिन 'सरकारी' हिन्दुत्व लव जिहाद की आड़ में और भी बहुत कुछ करना चाहता है।
रविकान्त
लेखक सामाजिक-राजनीतिक विश्लेषक हैं और लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में असि. प्रोफ़ेसर हैं।