"उनकी मृत्यु से विश्व का लोकतंत्र दुर्बल हो गया। लोकतंत्र की विचारधारा का एक बड़ा हिमायती नष्ट हो गया। संविधान के प्रचंड कार्य और हिंदू संहिता संबंधी कार्य कर उन्होंने राष्ट्र की जो सेवा की, उसका स्मरण करते हुए प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने लोकसभा में कहा कि 'हिंदू समाज की जुल्म करने वाली सभी प्रवृत्तियों के ख़िलाफ़ विद्रोह करने वाले व्यक्ति के रूप में आंबेडकर का प्रमुखतया स्मरण रहेगा। उन्होंने उन जुल्म करने वाली प्रवृत्तियों का कड़ा विरोध किया, इसीलिए लोगों के दिल जागृत हुए।... उन्होंने सरकारी कामकाज में बड़ा विधायक और महत्वपूर्ण कार्य किया। उन्होंने जिनके ख़िलाफ़ विद्रोह किया, उनके ख़िलाफ़ हर एक व्यक्ति को विद्रोह करना चाहिए।” - बाबा साहब के पहले जीवनीकार धनंजय कीर