महामना ज्योतिबा फुले (11 अप्रैल, 1827- 28 नवंबर, 1890) हिन्दू धर्म के पाखंडवाद के आलोचक और शूद्रों-अतिशूद्रों-स्त्रियों को आधुनिक शिक्षा देने वाले पहले शिक्षक माने जाते हैं। उनके लेखन और संघर्ष से प्रभावित बाबा साहब डॉ. आंबेडकर ने बुद्ध और कबीर के बाद ज्योतिबा फुले को अपना तीसरा गुरू माना है। हिन्दू धर्म में ईश्वरवाद और वर्णवाद की तीखी आलोचना करते हुए ज्योतिबा फुले ने शूद्रों की गुलामी के इतिहास की बारीक विवेचना की है। इस लिहाज से ज्योतिबा फुले आधुनिक भारत के पहले शूद्र इतिहासकार हैं।