सोमवार 5 जून की शाम जब कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने अमेरिका से भारत के लिए वापसी की उड़ान भरी, तो भारत का डिजिटल आकाश सबसे बड़े न्यूज़ चैनल के बहिष्कार के नारों से भरा हुआ था। ट्विटर पर यह बहिष्कार ट्रेंड कर रहा था। यह प्रतिक्रिया उन आम भारतीयों की थी जो यौन उत्पीड़न को लेकर न्याय माँग रहीं महिला पहलवानों को लेकर चलाई गयी ग़लत ख़बरों से आहत थे। सिर्फ़ यही नहीं, कई दूसरे चैनल भी अपनी ख़बरों से यह आभास दे रहे थे - “महिला पहलवानों का मुद्दा ख़त्म हो चला है। नाबालिग ने बीजेपी सांसद ब्रजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ शिकायत वापस ले ली है और आंदोलन का नेतृत्व कर रहीं साक्षी मलिक रेलवे की अपनी नौकरी पर वापस चली गयी हैं।”
गाँधी बनाम गोडसे की जंग में बेमानी हुई TINA फैक्टर की बहस
- विचार
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- 6 Jun, 2023
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आम चुनाव 2024 के लिए विचारधारा का विकल्प पेश कर दिया है। यानी मतदाता या भारत के लोग किस विचारधारा को चुनें- एक तरफ गोडसे की विचारधारा है तो दूसरी तरफ गांधी को मानने वाले सिपाही हैं। पत्रकार पंकज श्रीवास्तव बता रहे हैं कि राहुल ने कैसे इस लड़ाई को बदल दिया हैः
