गंगा की निर्मलता और अविरलता के लिए 112 दिन तक अनशन करके 11 अक्टूबर, 2018 में अपने जीवन का अंत कर लेने वाले स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद ने अपनी मृत्यु से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्रों में उन्हें गंगा की अवहेलना करने, उसके हितों को हानि पहुंचाने और उसे धोखा देने के साथ ही अपनी संभावित मृत्यु का जिम्मेदार भी ठहराया था।

2012 में जब स्वामी ज्ञानस्वरूप ने अनशन किया था, तब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और उन्होंने ट्वीट करके चिंता जताते हुए केंद्र सरकार से आग्रह किया था कि वह स्वामी ज्ञानस्वरूप की मांगों को गंभीरता से ले। लेकिन प्रधानमंत्री के रूप में मोदी ने न तो स्वामी ज्ञानस्वरूप के अनशन पर कोई प्रतिक्रिया जताई और न ही उनके किसी पत्र का उत्तर दिया। गंगा की अविरलता बहाल कराने में केंद्र सरकार की वादाखिलाफी के ख़िलाफ़ स्वामी ज्ञानस्वरूप ने 22 जून, 2018 से अनशन शुरू किया था। अनशन के 112वें दिन उनके जीवन का अंत हो गया था।
स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद ने प्रधानमंत्री मोदी को भेजे पत्र में लिखा था, ''मैं अपने प्राणों का त्याग करने के बाद प्रभु राम के दरबार में पहुंच कर उनसे मां गंगा की अवहेलना करने और उनके हितों को हानि पहुंचाने वालों को समुचित दंड देने की प्रार्थना करूंगा और अपनी हत्या का आरोप भी व्यक्तिगत रूप से आप पर लगाऊंगा।’’