“हमने हिंदुस्तान के टुकड़े किए जाना कबूल कर लिया। कई लोग कहते हैं कि हमने ऐसा क्यों किया और यह गलती थी। मैं अभी तक नहीं मानता कि हमने कोई गलती की। साथ ही यह मानता हूं कि अगर हमने हिंदुस्तान के टुकड़े मंजूर नहीं किए होते तो आज जो हालत है, उससे भी बहुत बुरी हालत होनेवाली थी। तब हिंदुस्तान के दो टुकड़े नहीं, बल्कि अनेक टुकड़े हो जानेवाले थे। मैं आपको इस बात की गहराई में नहीं ले जाना चाहता हूं, लेकिन यह बात मैं अनुभव के आधार पर बताना चाहता हूं। मेरे सामने वह सारी तस्वीर है कि हम किस तरह एक साल सरकार चला पाए थे और अगर हमने यह चीज कबूल न की होती तो क्या होता?”
सरदार पटेल ने कहा था- विभाजन नहीं होता तो भारत के कई टुकड़े हो जाते
- विचार
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- 14 Aug, 2023
सरकार और भाजपाई 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका दिवस मना रहे हैं। इसका सीधा सा मतलब 15 अगस्त के लड्डुओं की मिठास को कम करना है। विभाजन की विभीषका को महसूस करने का वास्तविक अर्थ है धर्म को राजनीति या राष्ट्र का वाहक समझने के ख़तरनाक़ परिणामों के प्रति सचेत होना।
