राजनीति हर समय नए रंग दिखाती है। जिस वक्त नरेन्द्र मोदी ने संघ परिवार, बीजेपी सरकार और एक हद तक मतदाताओं के बीच भी अजेय स्थिति बना ली थी, उसी वक्त उनको जबरदस्त चुनौती मिलती दिख रही है और इसका मुकाबला कैसे करें, यह उनकी समझ में भी नहीं आ रहा है।
कोरोना और चीन पर मोदी सरकार पिटी तो राहुल गांधी बन गये नेता?
- विचार
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- 30 Jul, 2020

पिछले चार-पांच महीने में बिना चुनाव, बिना खास राजनैतिक गतिविधि के ही कांग्रेस और नेहरू-गांधी परिवार ने जिस तरह की वापसी की है उससे नरेन्द्र मोदी और अमित शाह ही नहीं, बीजेपी और संघ परिवार भी परेशान हुआ है। यही कारण है कि अचानक नेहरू-गांधी परिवार और खास तौर से राहुल गांधी पर हमले बढ़ गए हैं।
अपने शासन के छह साल के दौरान ही नहीं उससे पहले से ही नरेन्द्र मोदी और उनकी मंडली ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ जुमले का इस्तेमाल करती आ रही है और एक समय तो लग रहा था कि उनका यह लक्ष्य असलियत में बदलता जा रहा है, और यह भी कहा जा सकता है कि अगर उनकी सरकार सचमुच में ठोस काम करती तो मुल्क कांग्रेस को काफी हद तक भुलाने को तैयार था।