गिरिराज सिंह को विवादों में मजा आता है। वह फिर एक विवादास्पद ट्वीट के चलते विवादों में हैं। कारण शायद यह है कि वह इसी रास्ते नेता बने हैं। और अभी भी बिना जनाधार के वह राज्य का मुख्यमंत्री बनने का सपना देखते हैं। ऐसा लगता है कि उन्होंने इसी योजना के तहत कभी खूंखार माने जाने वाले रणबीर सेना के प्रमुख ब्रह्मेश्वर मुखिया की बरसी पर उन्हें शहीद बताते हुए ‘कोटि कोटि नमन’ का ट्वीट किया।
क्या 277 क़त्लों का आरोपी ब्रह्मेश्वर मुखिया गिरिराज सिंह को मुख्यमंत्री बनवा देगा?
- विचार
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- 2 Jun, 2020

यह सवाल तो हर किसी को और ख़ास तौर से भूमिहारों को उठाना ही चाहिए कि उनके इस ‘नायक’ के हत्यारों को पकड़ने में बिहार सरकार और केन्द्र सरकार की अगर कोई दिलचस्पी नहीं है तो सिर्फ़ उनके वोट में और ब्रह्मेश्वर मुखिया के नाम और तसवीर के इस्तेमाल में क्यों है? क्या एक माला डाल देने, एक ट्वीट कर देने से आपके सारे पाप धुल जाते हैं और बिरादरी आपको नेता मान ले?
ब्रह्मेश्वर मुखिया पर दलितों और नक्सलियों के कई नरसन्हार कराने के आरोप हैं। उन पर 277 लोगों की हत्या का आरोप था, और उस पर 22 मुक़दमे चल रहे थे। इन बाइस में से सोलह मामलों में उसे ‘सबूत के अभाव’ में बरी कर दिया गया था जबकि छह में ज़मानत मिल गई थी। कहते हैं कि जब वह एक नरसंहार के मामले में जेल में था तो बथानी टोला नरसंहार मामले में पुलिस ने अदालत को यह कह कर गुमराह किया कि उसका पता ही नहीं है। और इस तरह वह बरी हो गया। ज़मानत पर रहने के दौरान ही एक सुबह उसे पाँच गोलियाँ मारी गईं और 1 जून 2012 को उसकी मौत हो गई।