कोरोना के चलते जारी वैश्विक उठापटक और आर्थिक मंदी की स्थिति में भविष्य के अनुमान संबंधी आंकड़े देना जोखिम का काम है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने समय से पूर्व रिजर्व बैंक की छमाही समीक्षा, मौद्रिक नीतियों में बड़े बदलाव और अर्थव्यवस्था के भविष्य को लेकर कई घोषणाएं कीं तो इनमें आंकड़े सिरे से नदारद थे। यह पहली बार हुआ कि रिजर्व बैंक ने विकास दर जैसी प्राथमिक सूचना का अनुमान भी नहीं बताया ताकि आगे की तसवीर और फिर उस आधार पर लिए गए फ़ैसलों की समीक्षा की जा सके।