इसलाम धर्म में 'नमाज़' उस इबादत का नाम है जिसे प्रत्येक वयस्क मुसलमान के लिये अनिवार्य माना गया है। नमाज़ के लिये पांच वक़्त विशेषकर निर्धारित किये गये हैं। पहली नमाज़ सूर्योदय से पूर्व पढ़ी जाती है जिसे ‘फ़जिर’ की नमाज़ कहते हैं। दूसरी अपराह्न में पढ़ी जाने वाली ‘ज़ोहर’ की नमाज़ कहलाती है। इसके कुछ ही देर बाद सायंकाल से पूर्व ‘अस्र’ की नमाज़ फिर सूर्यास्त के समय ‘मग़रिब’ और सूर्यास्त के कुछ देर बाद ‘ईशा’  की नमाज़ अदा करने का समय होता है।