लोकसभा में एनआईए क़ानून पेश करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अगर पोटा क़ानून ख़त्म न किया गया होता तो मुंबई हमला भी न होता। गृहमंत्री नए हैं और शायद आतंकवाद की प्रकृति, बदलते आयाम और भारत की अन्य एजेंसियों और संस्थाओं जैसे न्यायपालिका, कार्यपालिका और संविधान के संघीय ढाँचे के बारे में अभी पूरी तरह वाक़िफ़ नहीं हैं। महज क़ानून बनाने से अगर दुनिया की इतनी बड़ी समस्या पर काबू हो सकता तो क़रीब 45 देश जो इस दंश को झेल रहे हैं, कब से मुक्ति पा चुके होते।
अमित शाह की मान लें तो पूरी दुनिया से ख़त्म हो जाएगा आतंकवाद?
- विचार
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- 19 Jul, 2019

इंटरनेट और सोशल मीडिया के प्रसार के कारण आतंकवाद आज वैश्विक आयाम ले चुका है। सीरिया में बैठा आईएसआईएस केरल के युवकों को प्रभावित कर रहा है तो दुबई में बैठा पाकिस्तानी आईएसआई का हैंडलर भारत सहित दुनिया के किसी भी कोने में धमाका करा सकता है। ऐसे में क्या एक मज़बूत केंद्रीय एजेंसी की ज़रूरत नहीं है?