राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने विदेशों में ऐसे 43 खालिस्तानी तत्वों की पहचान की है जो भारतीय मिशनों पर हमलों में शामिल रहे हैं। भारत में इनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज है।
लोकसभा में एनआईए क़ानून पेश करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अगर पोटा क़ानून ख़त्म न किया गया होता तो मुंबई हमला भी न होता। यदि क़ानून बनाने से आतंकवाद से निपटा जा सकता है तो पूरी दुनिया में क़ानून क्यों नहीं बनाया जाता?