प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दूसरे कार्यकाल के दो वर्ष पूरे कर चुके हैं लेकिन इन दो सालों में वह अपने मंत्रिपरिषद को भी पूरी तरह आकार नहीं दे पाए हैं। उनकी सरकार का तीसरा साल शुरू हो चुका है लेकिन अभी भी आधी-अधूरी मंत्रिपरिषद से ही काम चल रहा है। इसी वजह से कई कैबिनेट और स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्री ऐसे हैं जिनके पास दो और तीन से ज़्यादा मंत्रालयों का दायित्व है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दूसरे कार्यकाल के दो वर्ष पूरे कर चुके हैं लेकिन इन दो सालों में वह अपने मंत्रिपरिषद को भी पूरी तरह आकार नहीं दे पाए हैं।
30 मई 2019 को नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद के लिए दूसरी बार शपथ ग्रहण की थी। उनके साथ शपथ लेने वाले अन्य 57 अन्य मंत्रियों में 24 कैबिनेट मंत्री, 9 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री और 24 राज्य मंत्री शामिल थे। पिछले दो साल के दौरान इनमें से दो मंत्रियों का निधन हो गया, जबकि दो कैबिनेट मंत्रियों ने अपनी-अपनी पार्टियों के एनडीए से अलग हो जाने की वजह से मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया। इस प्रकार फिलहाल केंद्रीय मंत्रिपरिषद में प्रधानमंत्री सहित कुल 54 मंत्री हैं। संवैधानिक व्यवस्था के मुताबिक़ केंद्रीय मंत्रिपरिषद में 81 मंत्री हो सकते हैं, यानी अभी मंत्रिपरिषद में 27 स्थान रिक्त हैं।