महात्मा गांधी कहा करते थे कि "मृतकों, अनाथों और बेघरों को इससे क्या फर्क पड़ता है, कि मूर्खतापूर्ण विनाश सर्वसत्तावाद के नाम पर किया गया है या स्वतंत्रता व लोकतंत्र के पवित्र नाम पर?" सिर्फ वोट लेकर और चुनाव जीतकर लोकतंत्र को बचाया नहीं जा सकता। लोकतंत्र को लोगों का समूह कहने से बेहतर है इसे स्वतंत्र और शक्तिशाली संस्थाओं के समूह के रूप में परिभाषित किया जाए।
क्या बहुत मजबूत है हमारी सरकार ?
- विचार
- |
- |
- 29 Mar, 2025

मोदी सरकार हाल ही महंगाई, ईडी की मनमानी के मुद्दे पर कांग्रेस के आंदोलन से डर गई। मात्र इस आंदोलन से डरने वाली सरकार कितनी मजबूत निकली, वो सामने आ गया। इसी से पता चलता है कि भारत में कोई भी राजनीतिक दल सत्ता में आने पर मनमानी तो कर सकता है लेकिन वो इस मजबूत लोकतंत्र को विलुप्त नहीं कर सकता।