शायद सवाल करना इस समाज का ही नहीं सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड का सबसे मौलिक आयाम है। विकास की क्रमबद्ध श्रृंखला की शुरुआत सिर्फ सवालों से होती है। वैज्ञानिक प्रगति का आधार सवाल हैं, सामाजिक और आर्थिक प्रगति का आधार भी सवाल ही हैं। जहां सवाल करना किसी भी मुल्क की आजादी की गुणवत्ता का पैमाना है, वहीं आजादी तक पहुँचना भी इन्ही सवालों के माध्यम से ही संभव हो पाता है। एक दिन बाद भारत की आजादी के 75 वर्ष होने वाले हैं, और इस आजादी को पाने की लड़ाई भी सवालों से ही शुरू हुई।