मोदी तिरंगे को लेकर इतनी अपील क्यों कर रहे हैं? बीजेपी तिरंगे को लेकर इस कदर उत्साहित क्यों है? क्या हिंदुत्व को तिरंगे से प्रेम हो गया है? हिंदुत्ववादियों की तिरंगे के बारे में क्या राय रही है?
एशिया कप में पहला टी20 क्रिकेट मैच भारत-पाकिस्तान के बीच रविवार रात को खेला गया। भारत ने पाकिस्तान को हरा दिया। इस दौरान जोश में ताली बजा रहे जय शाह को तिरंगा झंडा पकड़ाने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। सोशल मीडिया की दुनिया में लोगों ने जय शाह को घेर लिया और आरएसएस तक को उससे जोड़ा।
देश में गांधी जी के हत्यारे गोडसे और उसके गुरु सावरकर को स्थापित करने की कोशिशें तेज होती जा रही हैं। मुजफ्फरनगर में 15 अगस्त को तिरंगा यात्रा गोडसे के चित्र के साथ निकाली गई।
आरएसएस मुख्यालय नागपुर में 15 अगस्त 2022 को संघ प्रमुख मोहन भागवत ने तिरंगा फहराया और बड़ी-बड़ी बातें कीं। उनके भाषण का कुल सार यह था कि लोग देश और समाज से कुछ न मांगें लेकिन वो देश और समाज को क्या दे सकते हैं, उस पर विचार करें।
डॉ. बीआर आंबेडकर कहा करते थे कि सवाल करना मानव जाति की सबसे बड़ी संपत्ति है और जो समाज सवाल करना बंद कर देता है वह बर्बरता में वापस जाने के लिए बाध्य हो जाता है। जानिए कि घर-घर तिरंगा पर वंदिता मिश्रा के क्या सवाल हैं।
तिरंगे को लेकर आरएसएस अतीत में लिखी गई इबारतों को कैसे मिटा सकेगा। इतिहास के पन्नों में तिरंगे को लेकर दर्ज उसका नजरिया भला कैसे मिटेगा। संघ ने 52 साल बाद तिरंगा लहराया और अब सोशल मीडिया पर अपनी डीपी भी बदल ली लेकिन अतीत उसका पीछा करता रहेगा।
आरएसएस ने आखिरकार 13 अगस्त को सोशल मीडिया पर अपनी डीपी से भगवा झंडा हटाकर तिरंगा लगा लिया। संघ इन आरोपों से घिरा रहा है कि उसने कभी भी तिरंगे का सम्मान नहीं किया। उसने 52 वर्षों तक तिरंगा नहीं फहराया।
पीएम मोदी की घर घर तिरंगा अपील पर देश में नेशनल फ्लैग खरीदने की बाढ़ आ गई है। बीजेपी दफ्तर में तिरंगा झंडा 20 रुपये में बेचा जा रहा है लेकिन इसी तिरंगे के एवज में रेलवे कर्मचारी के वेतन से सरकार 38 रुपये काटने जा रही है। तिरंगे पर हो रही इस राजनीति को नजदीक से जानिए।