बटेश्वर के उल्लेख के बिना चंबल और इसके बीहड़ों की चर्चा पूरी नहीं की जा सकती। तकनीकी रूप से बटेश्वर यमुना के मुहाने पर बसा आगरा ज़िले (यूपी) का एक क़स्बा है, लेकिन चंबल से सटा होने के नाते और इसकी प्राचीनता तथा इससे जुड़ी धार्मिक मान्यताओं के चलते यह मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी समान रूप से लोकप्रिय रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पैतृकस्थली और राष्ट्रीय स्तर पर लगने वाले पशु मेला स्थल के अलावा आम जनता से लेकर डाकुओं तक का महत्वपूर्ण तीर्थ है बटेश्वर।
मिशन चम्बल घाटी -4: युवा बंदूक़ न उठाएं, ज़रूरी है बटेश्वर का विकास
- विचार
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- 13 Jun, 2020

आज़ादी से पहले और आज़ादी के बाद चम्बल नदी और उसके बीहड़ क्षेत्र के पिछड़ेपन और कंधे पर बंदूक लटकाये 'बाग़ियों' के लिए याद किये जाते रहे हैं। सरकार चाहे जिस पार्टी की हो, वायदे उसके चाहे जितने रंगीन और लुभावने हों, चम्बल घाटी का न तो पिछड़ापन दूर हुआ है, न यहाँ विकास की कोई धारा बही है और न कभी डाकू समस्या से इसे निजात मिली है। अनिल शुक्ल ने चम्बल के इन बीहड़ों का व्यापक अध्ययन किया है और इस इलाक़े से जुड़े रहे वरिष्ठ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों से लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं, राजनीतिज्ञों, और पूर्व डाकुओं से लम्बी बातचीत की है। चम्बल के इस समूचे परिदृश्य की सिलसिलेवार श्रंखला की फ़िलहाल अंतिम किश्त।