गणतंत्र दिवस के दिन राजधानी दिल्ली में किसान आंदोलन के संदर्भ में जो कुछ भी घटित हुआ वह बेहद शर्मनाक व निंदनीय तो ज़रूर था परन्तु यह सब पूर्णतया अनअपेक्षित क़तई नहीं था। किसान नेताओं द्वारा बार-बार इस बात की शंका व्यक्त की जा रही थी कि आंदोलन को बदनाम व कमज़ोर करने की पूरी कोशिश की जा रही है।