आख़िरकार पूर्व केंद्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश के प्रमुख नेताओं में शुमार जितिन प्रसाद ने भी कांग्रेस का दामन छोड़कर उस संघ परिवार के अनुषांगिक संगठन भाजपा का दामन थाम लिया जिससे कभी उनके पिता जितेंद्र प्रसाद लड़ते रहे हैं। भाजपा के ‘ऑपरेशन जितिन’ ने एक तरफ तो कांग्रेस और सोनिया-राहुल-प्रियंका को चोट दी है तो दूसरी तरफ पार्टी के भीतर ही बगावती मूड में चल रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस कदर असहज किया कि अगले दिन ही यानी गुरुवार की दोपहर योगी आदित्यनाथ को अचानक दिल्ली आकर गृह मंत्री अमित शाह और अगले दिन भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने को मजबूर होना पड़ा है।
जितिन प्रकरण : आख़िर कब नींद से जागेगा नेहरू-गांधी परिवार
- विचार
- |
- |
- 29 Mar, 2025

कांग्रेस छोड़ने वाले सिंधिया, जितिन प्रसाद, अशोक तंवर और पार्टी में अलग तरह का सुर बोलने वाले सचिन पायलट, मिलिंद देवड़ा, संजय निरुपम, संदीप दीक्षित जैसे नेताओं को कभी टीम राहुल का सबसे अहम चेहरा माना जाता था। माना जाता था कि यही नेता राहुल गांधी की कांग्रेस में पार्टी अध्यक्ष के नौरत्न होंगे।
अभी जितिन प्रसाद ही भाजपा में गए हैं, लेकिन अपनी आक्रामक चुनावी रणनीति के लिए मशहूर भाजपा की योजना अगर फलीभूत हो गई तो कांग्रेस के कुछ और नेता, जो अपने सियासी भविष्य और नेतृत्व की अक्षमता को लेकर परेशान हैं, भी कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा का कमल पकड़ सकते हैं। इनमें पूर्वांचल के एक पूर्व सासंद, जितिन के ही साथ सरकार और संगठन में रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री और एक पुराने राजनीतिक परिवार के वारिस के नाम भी लिए जा रहे हैं।