प्रधानमंत्री मोदी को आख़िर पीलीभीत जाकर प्रचार करने की ज़रूरत क्यों महसूस हुई? क्या वह एक सामान्य प्रचार अभियान के तहत गए या फिर वरुण गांधी का टिकट कटने की वजह से कुछ और संदेश देने के लिए?
मिलिंद देवड़ा ने रविवार को कांग्रेस छोड़ दी और वह एकनाथ शिंदे खेमे की शिवसेना में शामिल हो गए। लोकसभा चुनाव से पहले इसे पार्टी के लिए एक बड़ा झटका बताया जा रहा है। जानिए, हाल के वर्षों में कौन-कौन नेता छोड़ चुके हैं पार्टी।
कांग्रेस से देश की सेवा करने भाजपा में आए जितिन प्रसाद ने यूपी की ऐसी सेवा की जिससे सभी चौंक गए .ऐसा भ्र्ष्टाचार वह भी चाल चरित्र और चेहरा दिखाने वाली पार्टी में ?आज की जनादेश चर्चा
हाल ही में बीजेपी में शामिल होने वालों में कांग्रेस के जितिन प्रसाद को गिनाया जा सकता है। सचिन पायलट रास्ते में हो सकते हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य, ज्योतिरादित्य सिंधिया, शुभेंदु अधिकारी, आदि की कहानियाँ अब पुरानी पड़ गई हैं।
आख़िरकार पूर्व केंद्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश के प्रमुख नेताओं में शुमार जितिन प्रसाद ने भी कांग्रेस का दामन छोड़कर उस संघ परिवार के अनुषांगिक संगठन भाजपा का दामन थाम लिया जिससे कभी उनके पिता जितेंद्र प्रसाद लड़ते रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने सही समय पर हस्तक्षेप कर बीजेपी के सर्जिकल स्ट्राइक से पार्टी को बचा लिया और जितिन प्रसाद ने पार्टी नहीं छोड़ी, पर जितिन अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर दुविधा में हैं।
यह अटकल काफ़ी तेज़ है कि जितिन प्रसाद कांग्रेस में ख़ुश नहीं हैं और अपना राजनीतिक करियर बचाने के लिए बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। इस अटकल पर इतना शोर क्यों है? आख़िर वह कितना महत्वपूर्ण हैं?
क्या कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जितिन प्रसाद कांग्रेस को झटका देने की तैयारी में हैं? यह अटकल काफ़ी तेज़ है कि वह कांग्रेस में ख़ुश नहीं हैं और अपना राजनीतिक करियर बचाने के लिए बीजेपी का दामन थाम सकते हैं।