15 जनवरी को ईरान ने उत्तरी इराक के एरबिल में इज़राइल की ख़ुफ़िया एजेंसी मोसाद के जासूसी अड्डे और सीरिया में ईरान-विरोधी आतंकवादी समूहों को निशाना बनाते हुए मिसाइलें दागीं। सैन्य दृष्टि से कमजोर माने जानेवाले इन दोनों देशों ने जवाबी कार्रवाई नहीं की।
पाकिस्तान और ईरान मिसाइल हमला, नूरा कुश्ती है?
- विचार
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- 29 Mar, 2025

क्या ईरान और पाकिस्तान में मिसाइल हमले दोनों के लिए फायदेमंद रहे हैं? क्या इन मिसाइल हमलों से अपनी छवि बचाने की कोशिश की गई है?
16 जनवरी को सुबह ईरानी विदेश मंत्री होसैन अमीर अब्दुल्लाहियान ने विश्व आर्थिक मंच, दावोस, स्विट्जरलैंड में पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर उल हक से मुलाक़ात की और तेहरान-इस्लामाबाद संबंधों को गहरा और सदियों पुराना बताया। उन्होंने द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 2.5 बिलियन डॉलर से बढ़ाकर 5 बिलियन डॉलर करने के प्रयासों पर प्रकाश डाला जिसमें ईरानी तेल, गैस और बिजली और विस्तारित सीमा बाजार शामिल हैं। लेकिन दुनिया को आश्चर्यचकित करते हुए इसी दिन शाम को ईरान ने पाकिस्तान स्थित तेहरान-विरोधी हनीफी सुन्नी आतंकवादी समूह जैश-अल-अदल के ठिकानों पर बलूचिस्तान में दो स्थानों पर मिसाइल हमला किया जिसमें दो लड़कियों की मौत हो गई।
18 जनवरी को पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई में ईरान के सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत के अंदर सात मिसाइल हमले किये जिसमें सात लोग मारे गए और कई घायल हो गए। पाकिस्तानी मिसाइल हमले का लाइव फुटेज दिखाया गया।