'मुझसे प्यार करो या नफ़रत, दोनों ही मेरे पक्ष में हैं। क्योंकि यदि तुम मुझसे प्रेम करोगे तो मैं सदैव तुम्हारे हृदय में रहूँगा; अगर तुम मुझसे नफ़रत करते हो तो मैं हमेशा तुम्हारे दिमाग में रहूँगा।'
सेना और अमेरिका से भिड़ने की क़ीमत चुका रहे हैं इमरान?
- दुनिया
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- राजीव कुमार श्रीवास्तव
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- 2 Feb, 2024

राजीव कुमार श्रीवास्तव
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को दो दिनों दो मामलों में सजा मिली है। तो क्या उनको निशाना बनाया जा रहा है? इमरान की राजनीतिक पारी ख़त्म या खेल अभी बाक़ी है?
विलियम शेक्सपियर की यह उक्ति पाकिस्तानी के पूर्व प्रधानमंत्री और मशहूर क्रिकेटर इमरान ख़ान पर सटीक बैठती है। अनगिनत क़ानूनी मामलों में फँसे इमरान ख़ान को दो दिनों में पाकिस्तान की दो अदालतों ने अलग-अलग मामलों में दस और चौदह सालों की क़ैद की सज़ा सुनाई है। इससे पहले पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने उनके राजनीतिक दल - पीटीआई - की मान्यता छीन ली थी और उनके दल के चुनाव चिन्ह पर भी रोक लगा दी थी।
इन अदालती फ़ैसलों के कारण इमरान ख़ान किसी भी तरह के पद पर नियुक्ति से भी वंचित कर दिए गए हैं। इन दोनों सज़ाओं का प्रभाव सबसे पहले 8 फरवरी को होने वाले आम चुनाव पर पड़ेगा।