महंगाई से लड़ाई सरकार नहीं, जनता लड़ेगी। आम लोग जितना ज़्यादा महंगा सामान खरीदेंगे, उतनी अधिक जीडीपी बढ़ेगी। महंगाई का विरोध देशभक्ति नहीं, महंगाई का स्वागत देशभक्ति है। आप इस गफलत में क़तई न रहें कि कोई व्यंग्य पढ़ने को मिल गया है। दरअसल, देश में महंगाई को देखने का एक नया नज़रिया सामने आ चुका है। यह नज़रिया है- ‘देशभक्ति का सबूत दो, पेट्रोल पंप पर गाड़ी की टंकी फुल करो।’
महंगाई के दबाव में जनता की कराह सुनेगी मोदी सरकार?
- विचार
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- 7 Mar, 2021

पेट्रोल-डीजल-गैस के बेलगाम बढ़ते दाम का असर लोगों की जेब पर पड़ने लगा है और आने वाले दिनों में जेब का सुराख और बड़ा होता चला जाएगा। क्या मोदी सरकार महंगाई से जनता में उभरते जनाक्रोश को देख नहीं पा रही है?
क्या! अगर टंकी फुल नहीं करा सके, तो देशभक्त नहीं!
इसका भी जवाब है नवोदित देशभक्तों के पास,
‘उलटकर सोचना तो देशविरोधियों की आदत है। देशभक्त तो सीधा सोचते हैं। जितना ज़्यादा पेट्रोल-डीजल ख़र्च होगा, उतना अधिक केंद्र और राज्य सरकारों को राजस्व मिलेगा। उन्हीं पैसों से ग़रीबों का कल्याण होगा। तो हम क्यों नहीं पेट्रोल-डीजल पर ख़र्च करें।’