इसलामाबाद सिक्योरिटी डायलॉग (बुधवार, 17 मार्च) में इमरान खान ने कहा कि भारत को पाकिस्तान से सम्बंध सुधारने के लिये पहला कदम उठाना चाहिये। प्रधानमंत्री पद की शपथ लेते वक़्त भी उन्होंने कहा था कि भारत यदि दोस्ती के लिये एक कदम उठायेगा तो वे दो कदम आगे बढ़ेंगे। डायलॉग के अंतिम दिन सबसे महत्वपूर्ण था पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल बाज़वा का बयान जिन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब हमें अतीत की तल्खियों को दफ़्न कर आगे बढ़ने की सोचना चाहिये।
जनरल बाजवा क्यों करने लगे शांति की बात?
- विचार
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- 22 Mar, 2021

2018 में 2000, 2019 में 3400 और 2020 में 5,000 से अधिक बार युद्ध विराम के उल्लंघन हुये हैं। कोई नहीं मानेगा कि यह समझौता बिना सरकारों की भागीदारी के सेना मुख्यालयों में बैठे अधिकारियों ने कर लिया है। चर्चा थी कि दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने किसी तीसरे देश में बैठक कर यह महत्वपूर्ण फ़ैसला लिया था।
बदले हुए तेवर
स्वाभाविक था कि हर बार की तरह इस मौक़े पर भी दोनों ने जम्मू कश्मीर का ज़िक्र किया और दोनों की नज़र में यही भारत - पाकिस्तान के बीच सम्बंधों मे बिगाड़ का मुख्य कारण है, पर इस बार इस बार उनके तेवर बदले हुए से थे। दोनो में से किसी ने भी कश्मीर के संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रस्ताव या बातचीत में हुर्रियत कांफ्रेंस को भी शामिल करने जैसे विवादास्पद मुद्दे नही उठाये।