आज से क़रीब छह दशक पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट के ही न्यायाधीश आनंद नारायण ने अपने एक फ़ैसले में लिखा था कि भारतीय पुलिस अपराधियों का एक संगठित गिरोह है।

देश में पुलिस के बेजा इस्तेमाल पर रोक लगाने का संवैधानिक समाधान नहीं निकाला जाएगा, तो देश को पूरी तरह पुलिस स्टेट में तब्दील होने से नहीं रोका जा सकेगा। यूपी में एनएसए का इस्तेमाल इसका उदाहरण है।
उत्तर प्रदेश में तमाम तरह के संगीन अपराधों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के बावजूद सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अक्सर दावा करते रहते हैं कि उनकी सरकार ने उत्तर प्रदेश को अपराध मुक्त कर दिया है और अब अपराधियों की जगह या तो जेल में है या फिर वे उत्तर प्रदेश छोड़ कर जा चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी ऐसा ही मानना है और वे इसके लिए अक्सर योगी आदित्यनाथ की पीठ ठोकते हुए उन्हें यशस्वी मुख्यमंत्री का संबोधन देते हैं। योगी आदित्यनाथ यही दावा इन दिनों पश्चिम बंगाल में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए भी कर रहे हैं और कह रहे हैं कि अगर बीजेपी यहाँ सत्ता में आई तो पश्चिम बंगाल को भी उत्तर प्रदेश जैसा बना दिया जाएगा।