मात्र सत्ता में बने रहने के लिये देश में सत्ता के संरक्षण में एक विशेष सांप्रदायिक विचारधारा द्वारा देश में बहुसंख्यकवाद का जो ख़तरनाक खेल खेला जा रहा है, वह उस भारत वर्ष के अस्तित्व व धारणा के बिल्कुल विपरीत है जिसकी वजह से देश को 'अनेकता में एकता' रखने वाले विश्व के सबसे बड़े व लोकप्रिय लोकतंत्र के रूप में दुनिया जानती रही है। सांप्रदायिक सौहार्द भारत की रगों में प्रवाहित होने वाला वह स्वभाव है, जिसे तमाम कोशिशों के बावजूद समाप्त नहीं किया जा सकता।
राष्ट्रहित में किसी भी उकसावे से बचें भारतीय मुसलमान
- विचार
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- 31 Jan, 2021

कट्टरपंथी विचारधारा वाले शस्त्र धारण करने और मुसलमानों का नरसंहार करने को क्यों उकसा रहे हैं? और ऐसे उकसावे पर अल्पसंख्यक समुदाय के लिए क्या बेहतर होगा?
यह रहीम, रसखान, कबीर और जायसी का देश है। यह उस वीर शिवाजी का देश है जिनके सेनापति व मुख्य सलाहकार व जासूस मुसलमान हुआ करते थे। यह उस महाराणा प्रताप का देश है जिनके सेनापति व अनेक सेनानी मुसलमान होते थे। यह उस अकबर महान का देश है जिसके सेनापति व तमाम सैनिक व अधिकारी हिन्दू होते थे। यह वह भारत है जहाँ अयोध्या सहित अनेक स्थानों पर मुग़ल शासकों द्वारा मंदिरों, गुरुद्वारों व जैन मंदिरों के लिये ज़मीनें दी गयीं व वज़ीफ़े निर्धारित किये गये। और यही धार्मिक एकता व सांप्रदायिक सद्भाव का सिलसिला अंग्रेज़ों को भारत से खदेड़ने तक जारी रहा।