आसमान छूती महंगाई और भयंकर फैली बेरोज़गारी से जनता का ध्यान भटकाने के लिये एक बार फिर सत्ताधारियों व उनके संरक्षक संगठनों द्वारा धर्म व धर्मस्थलों के मुद्दे उछाले जाने लगे हैं। राजनेताओं द्वारा नारा लगाया जा रहा है - “अयोध्या-काशी झांकी है -अभी तो मथुरा बाक़ी है।”