आसमान छूती महंगाई और भयंकर फैली बेरोज़गारी से जनता का ध्यान भटकाने के लिये एक बार फिर सत्ताधारियों व उनके संरक्षक संगठनों द्वारा धर्म व धर्मस्थलों के मुद्दे उछाले जाने लगे हैं। राजनेताओं द्वारा नारा लगाया जा रहा है - “अयोध्या-काशी झांकी है -अभी तो मथुरा बाक़ी है।”
कितनी आसान है 'घर वापसी'?
- विचार
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- 1 Jan, 2022

संघ प्रमुख मोहन भागवत सहित हिंदू संगठनों से जुड़े लोग बार-बार घर वापसी का नारा देते रहते हैं लेकिन क्या घर वापसी मुमकिन है और क्या इतनी आसान है?
समाज के धार्मिक ध्रुवीकरण के लिये सार्वजनिक सभाओं में ऐसी बातें की जा रही हैं जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती।
महात्मा गाँधी को साधू वेषधारियों द्वारा मंच से गलियां दी जा रही हैं और स्वतंत्र भारत के पहले आतंकवादी व गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का महिमामंडन किया जा रहा है।