देश के विकास पर नजर रखने वालों के लिए इस ज़रूरी जानकारी का उजागर होना निराशाजनक है कि वैश्विक भूख सूचकांक (global hunger index) में दुनिया के 116 मुल्कों के बीच भारत 2020 में अपने 94वें स्थान से नीचे खिसककर 101वें स्थान पर पहुँच गया है।
क्या भूख से लड़ने के लिए भी सौ करोड़ टीके बनाने पड़ेंगे?
- विचार
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- 23 Oct, 2021

सवाल यह है कि जो संस्थाएँ यह गिनती कर सकतीं हैं कि हज़ार करोड़ की हैसियत वाले सुपर रिच क्लब में कितने और रईस बढ़ गए हैं या देश के सबसे धनाढ्य व्यक्ति मुकेश अम्बानी की सम्पदा बढ़कर 7.18 लाख करोड़ रुपये हो गई है, क्या ये कभी सबसे ग़रीब व्यक्तियों की भी गणना करके देश को बताएँगी?
हमारे पड़ोसी देशों में नेपाल 76वें, म्यांमार 71वें और दुश्मन पाकिस्तान 92वें स्थान पर हैं। खबरों के मुताबिक़, सहायता, कार्यों से जुड़ी आयरलैंड की एजेंसी कन्सर्न वर्ल्डवाइड और जर्मनी के संगठन वेल्ट हंगर हिल्फे की संयुक्त रिपोर्ट में भारत में भूख के स्तर को चिंताजनक बताया गया है।
अमीरों की संख्या बढ़ी
इसके पहले की एक अन्य महत्वपूर्ण जानकारी यह है कि कोरोना की महामारी के दौरान एक साल में देश में 10000000000 रुपए (एक हज़ार करोड़) से अधिक की सम्पत्ति वाले उद्योगपतियों की संख्या बढ़कर अब 1007 हो गई है। यानी महामारी के दौरान 179 नए लोग इस सूची में जुड़ गए।