देश के किसी सरकारी मीडिया उपक्रम से सम्बद्ध कोई पत्रकार, जो कितना भी अनुभवी या सीनियर क्यों न हो, क्या इस आशय के सवाल का जवाब एक शक्तिशाली गृह मंत्री से प्राप्त कर उसे जनता तक पहुँचाने की हिम्मत जुटा सकता है कि प्रधानमंत्री निरकुंश हैं अथवा नहीं? सवाल को चाहे जितनी सफ़ाई, ख़ूबसूरती, विनम्रता अथवा घुमा-फिराकर पूछा गया हो!
अमित शाह को क्यों कहना पड़ा कि मोदी निरंकुश नहीं हैं!
- विचार
- |
- |
- 17 Oct, 2021

गृह मंत्री अमित शाह का यह कहना कि नरेंद्र मोदी तानाशाह नहीं हैं, कई सवाल खड़े करता है। क्या है मामला, उन्होंने ऐसा क्यों कहा?
अगर एक सरकारी प्रतिष्ठान से जुड़े किसी अनुभवी पत्रकार ने वास्तव में ऐसी हिम्मत दिखा दी है तो उसके लिए निश्चित ही तारीफ़ की जानी चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उनके गृह राज्य गुजरात और केंद्र में सरकार चलाने के 20 वर्ष पूरे कर लिए जाने के अवसर पर 'संसद टी वी' चैनल को को दिए गए साक्षात्कार के दौरान एक सवाल के जवाब में अमित शाह ने कहा कि "प्रधानमंत्री निरंकुश या तानाशाह नहीं हैं। इस तरह के सभी आरोप निराधार हैं।मोदी सभी लोगों की बात धैर्यपूर्वक सुनने के बाद ही फ़ैसले लेते हैं। उन्होंने दशकों के लम्बे जुड़ाव के दौरान नरेंद्र मोदी जैसा कोई श्रोता नहीं देखा। एक छोटे से कार्यकर्ता की भी बात धैर्य से सुनते हैं।"