सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर मामले में 8 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश हुए वकील हरीश साल्वे से सवाल किया था कि किसानों की हत्या के आरोप में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को तुरंत गिरफ़्तार क्यों नहीं किया गया?
क्या मोदी अपने गृह राज्यमंत्री को अब कैबिनेट में बनाए रखेंगे?
- विचार
- |
- |
- 10 Oct, 2021

न्यायपालिका के आदेशों/निर्देशों की अवहेलना, उपेक्षा अथवा उनके प्रति असम्मान के भाव को इस तरह भी लिया जा सकता है कि अगर किसी शासक को निरंकुश बहुमत प्राप्त हो जाए तो फिर सरकार ही न्यायपालिका का काम भी करने लगती है।
साल्वे ने जवाब दिया था कि गोली चलने का आरोप है, मगर सबूत नहीं है। अगर सबूत साफ़ हों तो हत्या का मामला बनेगा। पोस्ट मोर्टम रिपोर्ट में गोली चलने से मौत की पुष्टि नहीं हुई है। यही कारण है कि अभियुक्त को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।
बाद में सुप्रीम कोर्ट ने तो केस की सुनवाई 20 अक्टूबर तक के किए स्थगित कर दी, पर उसके पहले ही लखनऊ में आशीष से सिर्फ़ 12 घंटों की पूछताछ के दौरान ही पुलिस को सारे सबूत भी मिल गए और मंत्री-पुत्र को गिरफ़्तार कर लिया गया।