देश में सत्ता प्रतिष्ठान और उससे जुड़ी राजनीतिक जमात के स्तर पर पिछले कुछ सालों से नेहरू-निंदा का दौर चल रहा है। स्वाधीनता संग्राम और आधुनिक भारत के निर्माण में देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के योगदान को बेहद फूहड़ तरीक़े से नकारा जा रहा है। उनके व्यक्तित्व को तरह-तरह से लांछित और अपमानित किया जा रहा है। इसमें कोई शक नहीं कि बीजेपी (और उसकी पूर्ववर्ती जनसंघ) शुरू से ही अर्थव्यवस्था, विदेश नीति, राष्ट्रीय सुरक्षा और धर्मनिरपेक्षता संबंधी नेहरू के विचारों और कार्यों की आलोचक रही है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी के दूसरे नेता भी देश के समक्ष मौजूद तमाम समस्याओं के लिए नेहरू और उनकी सोच को ज़िम्मेदार ठहराते रहते हैं।