रणविजय गौतम 23 सितंबर की दोपहर नोएडा स्थित नेटवर्क 18 के अपने दफ़्तर पहुँचे थे। दोपहर की शिफ़्ट थी। गाड़ी खड़ी करके गेट तक पहुँचे ही थे कि अचानक कराहते हुए लड़खड़ा उठे। आसपास के लोग अस्पताल लेकर पहुँचे लेकिन डॉक्टरों के लिए करने को कुछ बचा नहीं था। रणविजय की उम्र चालीस के आसपास थी।
भारत में 'अधिकतम आठ घंटे काम’ आंदोलन की मुनादी का समय
- विचार
- |
- |
- 24 Sep, 2024

‘श्रम सुधारों’ के नाम पर काम के घंटे बढ़ाने और सेवा सुरक्षा को नष्ट किया जा रहा है। हद तो ये है कि केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अन्ना सेबेस्टियन की मौत के लिए एक तरह से उसे ही ज़िम्मेदार ठहरा दिया।
रणविजय को जानने वाले उन्हें एक बेहद शालीन, मेहनती और संभावनाओं से भरे व्यक्ति के रूप में याद कर रहे हैं, जो वह थे भी। लेकिन इस पर चर्चा फ़िलहाल नहीं हो रही है कि न्यूज़ चैनलों के दफ़्तरों में हर वक़्त पसरा रहने वाला तनाव और दबाव भी उसकी मौत की वजह हो सकती है। हर क्षण टीआरपी में आगे जाने का दबाव और औसतन ग्यारह-बारह घंटे रोज़ काम करने वालों की ज़िंदगी में ख़ुद को स्वस्थ और ख़ुश रखने का कितना समय बचता होगा, इसका बस अंदाज़ा लगाया जा सकता है।