दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता देश है भारत। दुनिया के देश कम से कम भारत में वैक्सीन की कमी होने की कल्पना नहीं कर सकते थे। मगर, फ़िलहाल कम से कम 10 भारतीय प्रदेश वैक्सीन का स्टॉक कम पड़ जाने की आशंका के बीच वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी हो जाने के संकट का सामना कर रहे हैं। सवाल है- ऐसा क्यों? जवाब है कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने अपनी ही बहुप्रचारित ‘इंडिया फर्स्ट’ की नीति को वैक्सीन के मामले में तरजीह नहीं दी।
कोरोना वैक्सीन पर लहूलुहान है ‘इंडिया फर्स्ट’!
- विचार
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- 9 Apr, 2021

दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन निर्माता देश है भारत। दुनिया के देश कम से कम भारत में वैक्सीन की कमी होने की कल्पना नहीं कर सकते थे। सवाल है- ऐसा क्यों? वह भी तब जब मोदी ने इंडिया फर्स्ट का नारा दिया है।
कारोबार और कारोबारी हितों ने देशवासियों और देश की ज़रूरत को पीछे कर दिया।
आँकड़े कहते हैं कि 2 अप्रैल 2021 तक भारत में 7 करोड़ 30 लाख 54 हजार 295 लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी थी। भारतीय विदेश मंत्रालय की 2 अप्रैल की ब्रीफिंग के मुताबिक़ 6 करोड़ 44 लाख वैक्सीन की डोज विश्व समुदाय को भेजी जा चुकी थी। इसका मतलब यह है कि ‘इंडिया फ़र्स्ट’ की नीति के पैरोकार मोदी सरकार में जब 113 भारतीय वैक्सीन की डोज ले रहे थे तो यही सरकार दुनिया के 100 लोगों को भी वैक्सीन की डोज उपलब्ध करा रही थी।