क्या हमें कुछ भी स्मरण है कि पिछले साल लॉकडाउन के 233वें दिन कैलेंडर में कौन सी तारीख़ थी?  देश में उस दिन क्या चल रहा था? हम क्या कर रहे थे? क्या वह दिन 14 नवम्बर का तो नहीं था-पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्मदिन। और सबसे बड़ी बात यह कि क्या इस दिन दिवाली तो नहीं थी? ज़रूर थी। घरों में दीये भी जल रहे थे पर लोगों के दिल बुझे हुए और उदास थे। कोरोना के मरीज़ों का आँकड़ा इस दिन का 87.73 लाख था और दुनिया को (इस दिन तक) देश में मरने वालों की संख्या 1,29,188 (सरकारी तौर पर)  बताई गई थी। अस्पताल मरीज़ों से भरे हुए थे। तमाम फ़्रंट लाइन स्वास्थ्यकर्मी पूरी तरह से थक चुके थे, फिर भी काम में लगे हुए थे।