लोकसभा चुनाव और ओडिशा के विधानसभा चुनाव के बीच ही नवीन पटनायक को यह सफाई देनी पड़ी है कि उनके उत्तराधिकारी वीके पांडियन नहीं होंगे। पांडियन पूर्व आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने चुनाव की घोषणा से ऐन पहले प्रशासनिक सेवा छोड़ दी थी। बाद में वह बीजेडी में शामिल हो गए थे। वह सीएम नवीन पटनायक के निजी सचिव थे और उनके काफी करीबी माने जाते हैं। समझा जाता है कि पांडियन ही चुनावी रणनीतियों को देख रहे हैं। बीजेपी तो पांडियन पर पार्टी को हाईजैक करने का आरोप लगा रही है।
नवीन पटनायक को क्यों कहना पड़ा कि 'वीके पांडियन मेरे उत्तराधिकारी नहीं'?
- ओडिशा
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- 31 May, 2024
नवीन पटनायक की बीजेडी का उत्तराधिकारी कौन होगा? ओडिशा के पूर्व आईएएस अधिकारी वीके पांडियन को लेकर नवीन पटनायक को सफाई क्यों देनी पड़ी?

भारतीय जनता पार्टी द्वारा ओड़िया अस्मिता को एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाकर तमिलनाडु में जन्मे पूर्व नौकरशाह वी. के. पांडियन पर निशाना साध रही है। बीजेपी ने इस चुनाव में पांडियन के तमिलनाडु के होने का बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश की है।