लोकसभा चुनाव और ओडिशा के विधानसभा चुनाव के बीच ही नवीन पटनायक को यह सफाई देनी पड़ी है कि उनके उत्तराधिकारी वीके पांडियन नहीं होंगे। पांडियन पूर्व आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने चुनाव की घोषणा से ऐन पहले प्रशासनिक सेवा छोड़ दी थी। बाद में वह बीजेडी में शामिल हो गए थे। वह सीएम नवीन पटनायक के निजी सचिव थे और उनके काफी करीबी माने जाते हैं। समझा जाता है कि पांडियन ही चुनावी रणनीतियों को देख रहे हैं। बीजेपी तो पांडियन पर पार्टी को हाईजैक करने का आरोप लगा रही है।