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अब बीजेडी को चुनाव डाटा में क्या 'गड़बड़ी' दिखने लगी? जानें EC से क्या कहा

महाराष्ट्र के चुनावों में चुनाव डाटा को लेकर जिस तरह के आरोप इंडिया गठबंधन ने लगाए थे अब वैसे ही आरोप ओडिशा चुनावों में बीजेडी लगा रहा है। इसने चुनाव डाटा में गड़बड़ियों का आरोप लगाया है और चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की है। इसने शिकायत की है कि ईवीएम में डाले गए कुल वोट और गिनती किए गए कुल वोटों में अंतर कैसे हो सकता है। इसके साथ ही इसने कई और सवाल उठाए हैं।

इन शिकायतों को लेकर बीजेडी के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को चुनाव आयोग को एक ज्ञापन सौंपा। इसमें राज्य में हाल ही में हुए चुनावों के दौरान कुछ मामलों में 'एक बूथ पर डाले गए कुल वोटों और उसी ईवीएम से गिने गए कुल वोटों में अंतर' को बताया गया।

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बीजेडी ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों में डाले गए वोटों में अंतर की भी बात कही है, जबकि दोनों चुनाव एक साथ हुए थे। बीजेडी ने कहा है कि ढेंकनाल पीसी में 4,056 वोटों से लेकर कंधमाल पीसी में 3,521 वोटों और बोलनगीर पीसी में 2,701 वोटों का अंतर है। 

पार्टी ने कहा है कि मतदान के दिन रात 11.45 बजे चुनाव आयोग द्वारा बताए गए वोट प्रतिशत और दो दिन बाद आए अंतिम आंकड़ों में बहुत बड़ा अंतर था। यह जानने की कोशिश की गई है कि क्या लोग रात 11.45 बजे भी मतदान कर रहे थे। 

पार्टी ने एक बूथ पर डाले गए कुल वोटों और उसी ईवीएम से गिने गए कुल वोटों में अंतर बताने के लिए कई जगह की मिसाल दी है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार बीजेडी की याचिका में कहा गया है, 'हमने गंभीर विसंगतियां देखी हैं… उदाहरण के लिए, कंधमाल पीसी के तहत 84-फूलबनी (एसटी) एसी के बूथ नंबर 57 में यह अंतर 682 है। सुंदरगढ़ पीसी के तहत 08-तलसारा (एसटी) एसी के बूथ नंबर 165 और बूथ नंबर 219 में अंतर क्रमशः 660 और 784 है।'
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इसमें कहा गया है, 'यह कैसे संभव है? ऐसा नहीं होना चाहिए क्योंकि रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा गिने गए कुल वोटों की संख्या पीठासीन अधिकारी द्वारा डाले गए वोटों की रिपोर्ट से अलग नहीं हो सकती है।' साथ ही पार्टी ने सभी जिलों के लिए फॉर्म 17 (सी) की प्रतियां मांगी थीं, लेकिन अभी तक नहीं मिली हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी चुनाव डाटा में ऐसी ही गड़बड़ियों के आरोप लगे थे।

केंद्रीय चुनाव आयोग के अनुसार, महाराष्ट्र में अंतिम मतदान 66.05% था यानी कुल 64,088,195 वोट पड़े। हालाँकि, गिने गए कुल वोटों का जोड़ 64,592,508 है, जो कुल पड़े वोटों से 504,313 अधिक है। हालाँकि आठ विधानसभा क्षेत्रों में गिने गए वोटों की संख्या डाले गए वोटों से कम थी, शेष 280 निर्वाचन क्षेत्रों में, गिने गए वोट डाले गए वोटों से अधिक थे।

महाराष्ट्र चुनाव में ईवीएम में लाखों वोट बढ़ जाने, चुनाव से पहले बड़े पैमाने पर वोटरों के नाम काटे जाने और फिर नये नाम जोड़े जाने के आरोप लगाए जा रहे हैं। हाल ही में कांग्रेस ने कहा है कि 'लोकसभा चुनाव 2024 के बाद पांच महीनों में महाराष्ट्र में कुल मतदाताओं की संख्या में 47 लाख की वृद्धि हुई! जबकि, 2019 के लोकसभा चुनाव से लेकर 2024 के लोकसभा चुनाव तक पांच साल में महाराष्ट्र में केवल 37 लाख मतदाताओं की वृद्धि हुई थी।'

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क़रीब एक महीने पहले ही कांग्रेस के प्रवक्ता गुरदीप सप्पल ने महाराष्ट्र चुनाव को एक 'पहेली' के रूप में पेश किया और चुनावी आँकड़ों में विसंगतियाँ बताईं।

उन्होंने कहा था, '19 अक्टूबर, 2024 को एमवीए गठबंधन दलों ने भारत के चुनाव आयोग को लिखा था कि भाजपा बड़े पैमाने पर मतदाता सूची में धोखाधड़ी कर रही है, जिसमें प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में एमवीए समर्थकों के 10,000 वोटों को हटाना शामिल है। यह भी बताया गया कि भाजपा अपने द्वारा काटे जा रहे 10,000 नामों को छिपाने के लिए 10,000 फर्जी मतदाताओं को जोड़ रही है।' वैसे, इंडिया गठबंधन के दल लगातार चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाते रहे हैं और चुनाव आयोग से शिकायत करते रहे हैं। अब बीजेडी ने भी उसी तरह की शिकायत की है।

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क़मर वहीद नक़वी
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