सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस केएम जोसेफ ने चुनाव में वोट पाने के लिए धर्म, नस्ल, भाषा और जाति के इस्तेमाल के खिलाफ कार्रवाई करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा है कि समय रहते चुनाव आयोग द्वारा कार्रवाई किया जाना चाहिए और यदि ऐसा नहीं होता है तो यह चुनाव आयोग द्वारा संविधान को सबसे बड़ा नुक़सान पहुँचाने वाला क़दम होगा।
धर्म के इस्तेमाल पर समय रहते कार्रवाई नहीं तो संविधान को नुक़सान: जस्टिस जोसेफ
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- 31 May, 2024
वोट के लिए क्या धर्म का इस्तेमाल किसी भी रूप से उचित हो सकता है? इससे कितना बड़ा नुक़सान होता है? जानिए, जस्टिस केएम जोसेफ ने क्या कहा है।

जस्टिस जोसेफ एर्नाकुलम के सरकारी लॉ कॉलेज द्वारा आयोजित 'बदलते भारत में संविधान' विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह में गुरुवार को बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि धर्म, नस्ल, भाषा और जाति की पहचान के आधार पर वोट की अपील करने पर कानूनी तौर पर रोक है। जस्टिस जोसेफ ने कहा कि चुनाव आयोग को ऐसी प्रथाओं के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करनी चाहिए।