अभी अधिक समय नहीं हुआ है जब ओडिशा और इसके मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का राज्य में कोरोना महामारी पर प्रभावशाली नियंत्रण के लिए प्रशंसा के कसीदे पढ़े जा रहे थे। देश में कोरोना के पैर पसारने के ख़तरे को भाँपते हुए नवीन पटनायक ने सबसे पहले जिस प्रकार के एहतियाती क़दम उठाए उसकी सराहना सारे देश में हुई। एक पिछड़ा राज्य होने के बावजूद नवीन पटनायक ने अन्य राज्यों की तुलना में काफ़ी पहले ही एक्शन प्लान बनाया। लॉकडाउन से पहले एक हेल्पलाइन नंबर शुरू किया। कोविड-19 पर नज़र रखने के लिये एक समर्पित वेबसाइट शुरू की। उन्होंने सड़क, फुटपाथ पर खोमचे लगाने वालों को तीन हज़ार रुपये की मदद राशि देने की घोषणा की। इन सबका परिणाम यह हुआ कि राज्य में कोरोना के फैलाव पर अंकुश लगा रहा। अप्रैल माह के अंत तक स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में रही। लेकिन मई महीने के पहले सप्ताह में राज्य में जिस तेज़ी से कोरोना के केस बढ़े उससे चिंता बढ़ी है।
कोरोना: प्रवासियों के लौटते ही ओडिशा में तेज़ी से बढ़े मरीज़, चिंता बढ़ी
- ओडिशा
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- 11 May, 2020

मई महीने के पहले सप्ताह में राज्य में जिस तेज़ी से कोरोना के केस बढ़े उससे चिंता बढ़ी है। तुलनात्मक दृष्टि से राज्य में कोरोना रोगियों की संख्या बड़ी नहीं है, लेकिन प्रवासियों के लौटने के बाद चिंता बढ़ गई है।