दो महीने की लंबी लड़ाई के बाद असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने सोमवार को 84 वर्ष की आयु में गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (जीएमसीएच) में अंतिम सांस ली। गोगोई के निधन के साथ ही एक युग समाप्त हो गया है। असम के लोगों ने अपने अभिभावक को खो दिया है।
शांति बहाली के लिए याद किए जाएंगे गोगोई
- श्रद्धांजलि
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- 24 Nov, 2020

गोगोई ने युवाओं की मानसिकता को सकारात्मक रूप से बदलने की दिशा में काम किया। उन्होंने रोजगार के अवसर पैदा करने और लाखों सरकारी रिक्तियों को भरने की पहल की। गोगोई की डॉक्टर निज़रा देवी का कहना है, "तरुण गोगोई जमीन से जुड़े व्यक्ति थे और जानते थे कि आम लोगों से कैसे जुड़ना है। गोगोई हर श्रेणी के लोगों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करना जानते थे।”
असमिया के लोकप्रिय कवि प्रणव कुमार बर्मन ने एक फेसबुक पोस्ट के जरिये गोगोई को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा है कि जिस समय गोगोई पहली बार मुख्यमंत्री बने थे, उस समय असम अशांत था और पुलिस ने उन्हें पकड़कर उन पर देशद्रोह का मामला दर्ज कर दिया था। उस समय इन्दिरा गोस्वामी ने तरुण गोगोई को फोन कर कहा- तरुण, यह क्या हो रहा है, तुम्हारी पुलिस एक कवि को सता रही है। गोगोई ने तुरंत बर्मन की रिहाई का आदेश देते हुए कहा था कि कवि चाहे कोई भी गुनाह करे,उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सकता।