लालटेन के उजाले में पिता जर्मन रीड वाले सुरीले हारमोनियम पर दुर्गा, मालकौंस, सारंग, पीलू, पहाड़ी और सुदूर जौनपुर-जौनसार की बोली के मीठे गीतों के स्वर निकालते थे। मालकौंस और दुर्गा शायद उनके प्रिय राग थे। दुर्गा की क्लासिक, पाठ्यक्रम में पढ़ाई जानेवाली बंदिश-‘सखी मोरी रूम झूम, बादल गरजे बरसे।।।’ वे डूबकर गाते।