अजीत जोगी अचानक ऐसे चले जाएँगे यह उम्मीद तो नहीं थी। अपना नाता दो दशक से पुराना रहा। इंडियन एक्सप्रेस ने सन 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद मुझे ब्यूरो के वरिष्ठ संवाददाता की ज़िम्मेदारी देकर भेजा था। नया राज्य आकार ले रहा था। राजनैतिक गतिविधियाँ भी तेज़ थीं। विद्याचरण शुक्ल जैसे कांग्रेसी दिग्गज रायपुर में ही रहते थे। उनका दबदबा था और वह मुख्यमंत्री पद के सबसे बड़े दावेदार थे। कांग्रेस के सामने भी बड़ा संकट था इस नए राज्य का नेतृत्व तय करने का।
अजीत जोगी: जिन्हें राजनीति ने लील लिया
- श्रद्धांजलि
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- 29 May, 2020

अजीत जोगी अचानक ऐसे चले जाएँगे यह उम्मीद तो नहीं थी। पिछड़े हुए इलाक़े जोगी डोंगरी से निकल कर इंजीनियर बनना ही आसान नहीं होता। वे इंजीनियर बने, फिर आईपीएस की परीक्षा पास की। यही नहीं रुके और आईएएस भी क्वालीफाई कर लिया।
इंडियन एक्सप्रेस में मैंने रायपुर से एक ख़बर दी कि मुख्यमंत्री अजीत जोगी बन सकते हैं। ख़बर में छत्तीसगढ़ के सामाजिक समीकरण और अजीत जोगी के सतनामी समाज के संबंध का भी हवाला था। यह ख़बर उस समय आई जब छत्तीसगढ़ में मीडिया विद्याचरण शुक्ल को भावी मुख्यमंत्री मान चुका था। अजीत जोगी दिल्ली में कांग्रेस के प्रवक्ता थे। वह रायगढ़ से सांसद भी थे। पर मुख्यमंत्री पद की दौड़ में उन्हें मीडिया बहुत गंभीरता से नहीं ले रहा था। अपना संवाद उनसे पहले से था। इस ख़बर को लेकर जब उनसे बात की तो उन्होंने कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया। बोले, यह कांग्रेस आलाकमान तय करेगा कौन मुख्यमंत्री बनता है। फिर उन्होंने मेरा हाल लिया और बोले, रायपुर में कोई दिक्कत तो नहीं है।