1992 में बाबरी विध्वंस के बाद मध्य प्रदेश में भारी सांप्रदायिक हिंसा का सामना करने वाले उज्जैन शहर के बाद अब इंदौर में भी राम मंदिर के लिए धन संग्रह के दौरान पथराव की घटना हुई है।पथराव में दो दर्जन के लगभग लोग घायल हो गये हैं। घटनास्थल और इससे लगे क्षेत्रों में तनाव व्याप्त है। घटनाक्रम वाले क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
बता दें, अयोध्या में भव्य राम निर्माण मंदिर के लिए हिन्दू संगठन देश भर में जन जागरण अभियान चला रहे हैं। अभियान के तहत रैलियां निकाली जा रही हैं और मंदिर निर्माण के लिए चंदा भी मांगा जा रहा है। मध्य प्रदेश में भी अभियान चल रहा है। लेकिन यहां माहौल को बिगाड़ने वाली वारदात हो रही हैं।
शिकायत है कि रैली के बीच एक धार्मिक स्थल के करीब हनुमान चालीसा का पाठ करने के दौरान विवाद हुआ। पहले कहासुनी हुई और बाद में धक्का-मुक्की। इसके बाद मामला मारपीट और पथराव तक पहुंच गया।
बताया गया है कि रैली के दौरान पुलिस भी मौजूद थी। लेकिन विवाद के वक्त पुलिस की संख्या कम पड़ गई। सूचना मिलते ही इंदौर से अतिरिक्त बल मौके पर भेजा गया। हालात को काबू में करने के साथ ही पुलिस ने मामले की छानबीन के बाद कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया।
इंदौर से बीजेपी सांसद शंकर लालवानी ने पूरे घटनाक्रम की तीखी निंदा करते हुए कहा कि राम भक्तों पर पथराव बर्दाश्त योग्य नहीं है। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश प्रशासन को दिए हैं। सांसद ने कहा कि किसी भी उत्पाती को बख्शा नहीं जायेगा।
'उकसाने वाला काम न हो'
उधर, ऑल इंडिया त्यौहार कमेटी के सदर डॉ. औसाफ शाहमीरी खुर्रम ने ‘सत्य हिन्दी’ से कहा, ‘मुसलिम समाज को भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए हिन्दू संगठनों द्वारा चलाये जा रहे जन जागरण अभियान पर किसी तरह का ऐतराज नहीं है। लेकिन इसकी आड़ में उकसाने वाली कार्रवाइयॉं उचित नहीं हैं।’
एक सवाल के जवाब में डॉ. खुर्रम ने कहा, ‘मुसलिम मोहल्लों में राम मंदिर के लिए चंदा जुटाये जाने के प्रयास समझ से परे हैं! क्यों हमारे धर्मस्थल के आसपास हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ा जा रहा है?।’ डॉ. खुर्रम ने आगे कहा, ‘मध्य प्रदेश सर्वधर्म सम्भाव और गंगा-जमुनी तहजीब के लिए पहचाना जाता है। शांति व्यवस्था को भंग करने की कोशिशों को सही नहीं माना जा सकता है।’
उज्जैन में हुई थी पत्थरबाजी
इंदौर से पहले इसी तरह की घटना बीते 25 दिसंबर को उज्जैन में हुई थी। उज्जैन में भी राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा एकत्र करने के उद्देश्य को लेकर हिंदू संगठन रैली निकाल रहे थे। रैली टावर चौक से होती हुई महाकाल क्षेत्र स्थित भारत माता मंदिर पहुंच रही थी, तभी बेगम बाग कालोनी क्षेत्र में कुछ असामाजिक तत्वों ने रैली पर पथराव कर दिया था। पत्थरबाजी करने वालों में महिलाएं भी शामिल रही थीं।
घटनाक्रम के बाद प्रशासन ने सख्त एक्शन लिया था। उन घरों को तोड़ा गया था जो अतिक्रमण कर बनाये गये थे। चिन्हित लोगों में कुछ पर रासुका भी लगाई गई थी।
आरिफ मसूद ने उठाया था मामला
मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के लिए बुलाई गई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में विधायक आरिफ मसूद ने इस मामले को उठाया था। आरिफ मसूद भोपाल मध्य से विधायक हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस विधायक दल के नेता कमल नाथ की अगुवाई में हुई बैठक में मामले को उठाते हुए कांग्रेस विधायक मसूद ने आरोप लगाया था कि मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार चुन-चुनकर मुसलमानों को निशाना बना रही है।
मसूद का आरोप था कि पिछले दिनों स्वयं उन पर ठोस आधार ना होने के बावजूद रासुका लगाई गई। इसी तरह की कार्रवाई पूरे प्रदेश भर में मुसलिम सुमदाय के लोगों पर हो रही है। अतिक्रमण के नाम पर उनके घर और रोटीरोजी के साधनों को तोड़ा जा रहा है।
कमेटी बनाने का आश्वासन
विधायक दल की बैठक में कमल नाथ के साथ मसूद की तीखी बहस भी हुई थी। मसूद की नाराजगी को देखते हुए नाथ ने इस तरह के मामलों की जांच का भरोसा दिलाते हुए पार्टी की एक कमेटी बनाये जाने का आश्वासन दिया था। विधायक दल की बैठक को चार दिन से ज्यादा हो गये हैं, लेकिन अभी विधिवत तौर पर जांच कमेटी का गठन कांग्रेस ने नहीं किया है।
प्रशासन पर गंभीर आरोप
पूर्व केन्द्रीय मंत्री और प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरूण यादव मंगलवार को मुख्यमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र बुदनी में थे। यादव ने वहां एक प्रेस कांफ्रेंस की। यादव का आरोप है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और उनकी सरकार कांग्रेस के लोगों पर बदले की भावना के साथ कार्रवाई कर रही है। प्रशासन और पुलिस के अफसर बीजेपी पदाधिकारी के तौर पर काम कर रहे हैं और समुदाय विशेष के लोगों को बेवजह प्रताड़ित किया जा रहा है।
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