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बेतहाशा कर्ज की जांच करायेंगेः सवालों के जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री नाथ ने कहा, ‘कांग्रेस सत्ता में आयी तो बीजेपी की सरकार द्वारा लिए गए अनाप-शनाप कर्ज के खर्चों की जांच करायेगी।’ नाथ ने कहा, ‘सूबे में 3.30 लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज है। कर्ज लेकर सरकार ठेके देने और कमीशनखोरी में जुटी है। बड़े-बड़े ठेके देकर 25 प्रतिशत कमीशन एडवांस में लिया जा रहा है। अभी आनन-फानन में बड़े-बड़े शिलान्यास इसलिए किए जा रहे हैं, ताकि एडवांस कमीशन लिया जा सके।’ उनसे पूछा गया आप खस्ताहाल खजाने के बावजूद मुश्किलें बढ़ाने वाले ऐलान आखिर क्यों कर रहे हैं? नाथ ने कहा, ‘कांग्रेस की घोषणाएं केलकुलेटिव हैं। कांग्रेस की सरकार बनने पर किसी भी तरह की परेशानी राज्य की जनता को पेश नहीं आयेगी।’ एक अन्य सवाल के जवाब में नाथ ने यह भी कहा, ‘किसानों को लेकर जो भी घोषणाएं आज उन्होंने की है, प्रत्येक कांग्रेस के चुनावी वचन पत्र में शामिल रहेगी।’
मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए चुनाव इसी वर्ष नवंबर में संभावित हैं। जैसे-जैसे चुनावी बेला पास आ रही है कि सत्तारूढ़ दल भाजपा और प्रतिपक्ष कांग्रेस हरेक वोटर को अपने-अपने पक्ष में करने के लिए नित-नए ऐलान कर रहे हैं। मुफ्त बांटने की दोनों में होड़ मची हुई है। राज्य में चुनावी गतिविधियां तेज हैं। केन्द्रीय गृह मंत्री और भाजपा के चाणक्य करार दिए जाने वाले अमित शाह ने राज्य की चुनावी बागडोर को अपने हाथों में ले रखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बार-बार मध्य प्रदेश आ रहे हैं।
‘82 सीटें गेमचेंजर साबित होती हैं’: राज्य में सत्ता की सीढ़ी, 47 अनुसूचित जनजाति और 35 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित विधानसभा सीटें हैं। यात्रा के माध्यम से सत्तारूढ़ दल भाजपा इन 82 सीटों को टारगेट कर रहा है। साल 2013 में इन 82 आरक्षित सीटों में भाजपा ने 59 जीतीं थीं। विधानसभा 2013 के चुनाव में भाजपा को अनुसूचित जनजाति की 31 सीटें और अनूसूचित जाति की 34 सीटें मिलीं थीं।
साल 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को एससी की 18 और एसटी 16 सीटें ही मिल पायीं थीं। बाकी सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी और सत्ता पाने में सफल हो गई थी। मध्य प्रदेश भाजपा ने 2018 में बाजी पलटने पर कहा था, ‘किसानों की कर्जमॉफी का मुद्दा सब मसलों पर भारी पड़ गया।’
मध्य प्रदेश भाजपा 2023 के लिए किसान, महिला और कर्मचारियों के साथ-साथ जातिगत समीकरणों पर भी फोकस किए हुए है। सागर का जलसा अनूसूचित जाति वोट को साधने का ही उपक्रम है। राज्य में सागर के अलावा मालवा अंचल, बुदेलखंड और ग्वालियर-चंबल संभाग में भी अनुसूचित जाति वर्ग का दबदबा है।
सागर में कांग्रेस जलसा करने वाली थी। मगर कांग्रेस के तय कार्यक्रम 13 अगस्त के ठीक एक दिन पहले बीजेपी ने 12 अगस्त को प्रधानमंत्री को सागर बुलवा लिया है। पीएम के दौरे के मद्देनजर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का सागर कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है।
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