क्या सरकार 2015 की 'अवार्ड वापसी' जैसी शर्मिंदगी से आगे बचना चाहती है? आठ साल पहले बढ़ती असहिष्णुता के मामले को लेकर बड़ी संख्या में साहित्यकारों ने अवार्ड वापस कर दिए थे। इससे सरकार की काफ़ी किरकिरी हुई थी। अब एक संसदीय पैनल ऐसी घटना को रोकने की तैयारी में है। इसने पुरस्कार विजेताओं से एक शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करने की सिफारिश की है कि वे किसी भी राजनीतिक घटना के विरोध में किसी भी स्तर पर अपने पुरस्कार वापस नहीं लौटाएँगे। यदि यह सिफारिश मान ली गई तो फिर पुरस्कार पाने वाले किसी भी हालत में अवार्ड नहीं लौटा पाएँगे।