छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर महाराष्ट्र में तो अब तक ख़ूब राजनीति होती रही है, लेकिन अब उनके नाम पर मध्य प्रदेश में भी राजनीति तेज़ हो गई है। मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह ज़िले छिंदवाड़ा में शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर बीजेपी नेता और कांग्रेस नेता में जंग छिड़ी है। हाल ही में शिवाजी महाराज की प्रतिमा लगाई गई तो नगरपालिका ने इसे हटा दिया। जब राजनीति गरमाई तो कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ ने ख़ुद के पैसे से प्रतिमा लगाने की बात कह दी। लेकिन इनके आश्वासन के बाद ठंडे पड़ते इस मुद्दे को मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नये सिरे से हवा दे दी। इससे लगता है कि शिवाजी महाराज के नाम पर जिस तरह से पार्टियाँ महाराष्ट्र में सरकार बनाने और गिराने की कोशिश में रहती हैं कुछ वैसा ही अब मध्य प्रदेश में तो नहीं होने लगेगा?
दरअसल, मामला यह है कि छिंदवाड़ा ज़िले के सौंसर ब्लाॅक में 12 फ़रवरी को मोहगाँव चौक पर शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित की गई थी। शिवसेना, अन्य संगठन और स्थानीय लोग इस कार्य में शामिल रहे थे। स्थापना के बाद प्रतिमा को रातों-रात नगर पालिका प्रशासन ने जेसीबी मशीन से हटवा दिया था। दिलचस्प तथ्य यह था कि क़रीब चार दिनों तक प्रतिमा की स्थापना के लिए स्ट्रक्चर खड़ा करने का काम चला था।
बहरहाल, स्थापना के बाद जेसीबी मशीन से प्रतिमा को हटा दिए जाने पर राजनीति गरमा गई थी। प्रतिमा की स्थापना करने वालों ने अगले दिन छिंदवाड़ा-नागपुर हाइवे को जाम किया था। छिंदवाड़ा से लेकर भोपाल और मध्य प्रदेश के साथ ही पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र से भी बयानबाज़ी हुई थी। छत्रपति शिवाजी महाराज के अनुयाइयों ने कमलनाथ सरकार की जमकर आलोचना की थी।
मसले के तूल पकड़ते ही मुख्यमंत्री कमलनाथ और छिंदवाड़ा से कांग्रेस सांसद उनके बेटे नकुल नाथ हरकत में आए थे। मामले को ठंडा करने के लिए नकुलनाथ ने तो यहाँ तक एलान कर दिया था कि अपने ख़र्चे पर वह नये सिरे से शिवाजी महाराज की प्रतिमा की स्थापना करायेंगे। नकुलनाथ ने 19 फ़रवरी को शिवाजी महाराज की प्रतिमा की स्थापना के लिए सौंसर में भव्य समारोह के आयोजन की घोषणा भी कर रखी है।
सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को सरकार पर हमला किया। वह सड़क मार्ग से भोपाल से छिंदवाड़ा पहुँचे। रास्ते भर उन्होंने सभाएँ कीं। कमलनाथ सरकार को जमकर कोसा। सौंसर में शिवराज ने पैदल मार्च करने के साथ ही जनसभा की।
जनसभा में शिवराज ने कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि महापुरुषों का अपमान करना कांग्रेस का शगल बन गया है, कभी आज़ाद की प्रतिमा का अपमान करते हैं तो कभी वीर सावरकार का अपमान किया जाता है। उन्होंने कहा कि आम्बडेकर का अपमान तो कांग्रेस लगातार कर रही है। जनसभा में शिवराज ने यह भी कहा, ‘छत्रपति शिवाजी महाराज का तुम अपमान करते रहो और हम चुप बैठे रहें, यह हो नहीं सकता। कमलनाथ जी, ज़रूरत पड़ी तो अपने महापुरुषों के सम्मान में अपना ख़ून भी दे देंगे।’
शिवराज ने नकुलनाथ को अपने ख़र्च पर प्रतिमा की स्थापना संबंधी बयान पर निशाने पर लेते हुए कहा, ‘पहले तो मूर्ति गिराकर छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान किया गया और उसके बाद पैसों का दम्भ भरा गया। सौंसर की जनता में इतना सामर्थ्य है कि वे जनभागीदारी से प्रतिमा को ससम्मान पुनः स्थापित कर सकें।’ शिवराज ने सवाल खड़ा करते हुए कहा, ‘शिवाजी महाराज की प्रतिमा लगवाना ही थी तो गिरवाई क्यों?’
पांढुर्ना में भी शिवाजी की प्रतिमा लगाएंगे: नकुल
छिंदवाड़ा सांसद नकुलनाथ ने शनिवार सुबह ट्वीट करके कहा कि, ‘सौंसर की तरह पांढुर्ना शहर के अंबिका चौक पर भी छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा की स्थापना की जाएगी।’ नकुलनाथ ने शुक्रवार को शिवराज सिंह चौहान पर वीर शिवाजी के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया था। देखना है कि अब यह राजनीति यहीं थमती है या और तूल पकड़ती है।
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