मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अंततः अपने काबीना सहयोगियों को विभाग बाँट दिये। विभागों के वितरण में उन्हें दस दिन लगे। विभाग वितरण में भी शिवराज सिंह की मजबूरी साफ़ तौर पर उभरी। दरअसल, अधिकांश भारी-भरकम और ‘मलाईदार’ विभाग ना चाहते हुए भी पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक मंत्रियों को देने पड़े। बीजेपी के मंत्रियों के हिस्से में ‘छाछ’ ही आ पायी।