मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा के सदस्य दिग्विजय सिंह का मंदिरों में प्रवेश प्रतिबंधित किये जाने की ‘माँग’ उठी है। ऐसी माँग वाले पोस्टर भोपाल में कई जगहों पर नज़र आये। इन पोस्टरों पर गुरुवार को पूरे दिन ‘रार’ हुई। इधर, धार्मिक भावनाएँ भड़काने की शिकायत पर यूपी पुलिस ने दिग्जिवय सिंह के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया है।
बता दें कि भोपाल में मंगलवार को आयोजित संत समागम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा था, ‘पूरे देश में मठ-मंदिरों को राजनीति का अड्डा बनाए जाने की कोशिशें हो रही हैं। भगवाधारी दुष्कर्म कर रहे हैं और चूरन बेच रहे हैं।’ सिंह ने यह भी कहा था कि सनातम धर्म को बदनाम करने वालों को ईश्वर माफ़ नहीं करेगा।
संत समागम का आयोजन मध्य प्रदेश के आध्यात्मिक विभाग ने किया था। मुख्यमंत्री कमलनाथ आयोजन के मुख्य अतिथि थे। राज्य सरकार में मंत्री का दर्जा प्राप्त कम्प्यूटर बाबा (इस आयोजन के सूत्रधार वही थे) की अगुवाई में एक हज़ार से ज़्यादा साधु-संत जुटे थे। कई जाने-माने साधु भी आयोजन में आये थे।
दिग्विजय सिंह ने जब विवादास्पद टिप्पणी की थी तब मुख्यमंत्री मंच पर मौजूद थे। दिग्विजय सिंह की इस टिप्पणी मंगलवार को ही विरोध हुआ था। मध्य प्रदेश बीजेपी ने भी दिग्विजय सिंह की टिप्पणी को संत समाज का अपमान क़रार देते हुए निंदा की थी।
बुधवार को भी बयानबाज़ी जारी रही थी। हालाँकि दिग्विजय सिंह ने अपनी टिप्पणी को लेकर न तो कोई नई टिप्पणी की थी और न ही पुरानी पर कोई प्रतिक्रिया दी थी। उधर गुरुवार को भोपाल के कुछ मंदिरों के बाहर और अन्य जगहों पर दिग्विजय सिंह विरोधी पोस्टर चस्पा मिले। इनमें माँग की गई थी, ‘दिग्विजय सिंह का मंदिरों में प्रवेश वर्जित किया जाए।'
भोपाल के कुछ क्षेत्रों में लगाये गये पोस्टरों में किसी का व्यक्ति या संगठन का नाम तो नहीं था, लेकिन ‘निवेदक - हिन्दू समाज’ के हवाले वाले इस पोस्टर की इबारत कुछ यूँ थी, ‘हिन्दू समाज की यही पुकार - हिन्दू विरोधी दिग्विजय सिंह के लिए मंदिरों के दरवाजे बंद हों - बंद हों।’ पोस्टर में दिग्विजय सिंह का फ़ोटो भी चस्पा था। फ़ोटो को लाल निशान से क्रॉस कर दिया गया था।
भनक लगते ही पुलिस हुई सक्रिय
रातों-रात मंदिरों के बाहर और कुछ जगहों पर दिग्विजय सिंह के ख़िलाफ़ पोस्टर चस्पा होने की भनक लगते ही पुलिस और प्रशासन सक्रिय हो गया। आनन-फानन में पोस्टर हटवा दिये गये। पोस्टर लगाने की ज़िम्मेदारी किसी ने नहीं ली। लेकिन नये सिरे से बयानबाज़ी अलबत्ता हुई।
दिग्विजय सिंह समर्थक स्थानीय नेता रवीन्द्र साहू ने ‘सत्य हिन्दी’ से कहा, ‘दिग्विजय सिंह जो कहते हैं, सही कहते हैं। हिन्दू धर्म के प्रति उनकी गहरी आस्था है। पैदल नर्मदा परिक्रमा करके वे इस बात को साबित कर चुके हैं। सनातन धर्म के प्रबल अनुयायी और सच्चा हिन्दू होने संबंधी कोई सर्टिफ़िकेट उन्हें नहीं चाहिये।’ साहू ने यह भी कहा, ‘दिग्विजय सिंह जी के बयानों पर विरोधियों द्वारा बवाल केवल इसलिये मचाया जाता है ताकि सच्चाई को दबाया जा सके। मगर सच्चाई दबने वाली नहीं है। राजा साहब का इशारा किसकी ओर था, सब जानते हैं।’
साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर भड़कीं
भोपाल से बीजेपी की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ‘भड़क’ गई हैं। दिग्विजय सिंह का नाम लिये बगैर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा, ‘भगवा को आतंकवादी और अपराधी कहने वाले लोग कभी धार्मिक हो सकते हैं? धर्म के नाम पर कौन राजनीति करता है, सबको मालूम है। भोपाल में अधर्म पर धर्म की जीत हुई है।’
दिग्विजय सिंह के ख़िलाफ़ एफ़आईआर
भोपाल पहुँची ख़बरों के अनुसार पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुशीनगर ज़िले में धार्मिक भावनाओं के हनन और भड़काऊ बयानबाज़ी जैसी संगीन धाराओं के तहत दिग्विजय सिंह के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। ज़िले के कसया थाने में स्थानीय बीजेपी विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी के पुत्र दिव्येन्दु मणि त्रिपाठी की शिकायत पर पुलिस ने दिग्विजय सिंह के ख़िलाफ़ कई धाराओं में एफ़आईआर दर्ज की है।
दिव्येन्दु मणि त्रिपाठी ने अपनी शिकायत में कहा कि 17 सितंबर को कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने बयान दिया कि लोग भगवा वस्त्र पहन कर मंदिरों में बलात्कार कर रहे हैं। उन्होंने शिकायत में लिखा है, ‘इससे पहले दिग्विजय सिंह ने एक सितंबर को बयान दिया था कि आरएसएस और हिन्दू संगठनों के लोग आईएसआई से पैसा लेते हैं। मुसलमानों से ज़्यादा आंतकवादी घटनाओं में हिन्दू लिप्त हैं। सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालयों को आंतकी गतिविधियों का केन्द्र बताया है। इससे सामाजिक एवं साम्प्रादायिक सौहार्द बिगड़ रहा है। धर्म के आधार पर पूरे देश में घृणा व वैमनस्य फैलाने का काम सोची समझी रणनीति के तहत किया जा रहा है।’
कमलनाथ ने बीजेपी पर साधा था निशाना
यहाँ यह भी बता दें कि संत समागम में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बीजेपी पर निशाना साधा था। उन्होंने इशारों में कहा था, ‘अब इनके (भाजपा) पेट में दर्द हो रहा होगा। ये प्रचार करते थे कि उन्होंने धर्म का ठेका लिया है। इनके 15 साल और हमारे लगभग 6-7 महीने ही हुए हैं। मैं यह नहीं कहता कि हमने यह किया, वो किया, क्योंकि हम सेवक हैं। मैं छिंदवाड़ा में मंदिर बना रहा था तो भी उनके पेट में दर्द होने लगा था।’
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