मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार में पेट्रोल-डीजल के दाम अपने ही पुराने रिकॉर्ड को तोड़ रहे हैं। आदिवासी दिवस नौ अगस्त को मध्य प्रदेश के अनुसूचित जनजाति बाहुल्यता वाले जिले अनूपपुर में पेट्रोल और डीजल के दामों ने नया कीर्तिमान रच डाला।
नौ अगस्त को पेट्रोल और डीजल के दामों में हुई देशव्यापी बढ़ोतरी के बाद मध्य प्रदेश के 16 जिलों में प्रति लीटर डीजल के दाम आसमान छू गए।
अनूपपुर में नौ अगस्त को डीजल 101.06 रुपये प्रति लीटर के नये कीर्तिमान के साथ बिका। जबकि पेट्रोल का मूल्य भी यहां नौ अगस्त को 112.78 रुपये के प्रति लीटर के सबसे ज्यादा दाम को छू गया।
इन 16 जिलों में हाहाकार
अनूपपुर के बाद रीवा में 100.85 रुपये, बालाघाट में 100.82 रुपये, श्योपुर में 100.79 रुपये, शहडोल और शिवपुरी में 100.67 रुपये, सतना में 100.64 रुपये, पन्ना में 100.46 रुपये, बुरहानपुर में 100.38 रुपये, अलीराजपुर में 100.25 रुपये, हरदा में 100.23 रुपये, सीधी में 100.21 रुपये, छिंदवाड़ा में 100.19 रुपये, उमरिया में 100.15 रुपये, बड़वानी में 100.14 रुपये और खरगोन में 9 अगस्त को डीजल का मूल्य 100.08 रुपये प्रति लीटर रहा। छतरपुर में डीजल का भाव 100 रुपये प्रति लीटर दर्ज हुआ।
मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा टैक्स
बता दें कि मध्य प्रदेश देश का वह राज्य है, जहां पेट्रोल पर सबसे ज्यादा टैक्स वसूला जाता है। डीजल पर सबसे ज्यादा टैक्स वसूलने वाले राज्यों में पहला क्रम राजस्थान का है, बावजूद इसके डीजल के दामों को लेकर मध्य प्रदेश भी नित-नए कीर्तिमान रच रहा है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, मध्य प्रदेश की सरकार पेट्रोल पर 33 प्रतिशत वैट वसूलती है। इस 33 प्रतिशत वैट के अलावा 4.50 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से निश्चित वैट और इस निश्चित वैट पर भी 1 प्रतिशत सेस लिया जाता है। प्रदेश में डीजल पर बीते महीने तक 21.68 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से तमाम तरह के टैक्स लिये जा रहे थे। मूल्यों में बढ़ोतरी के बाद अब यह भी बढ़ गया है।
उधर, केन्द्र की सरकार पेट्रोल पर 32.90 रुपये और डीजल पर 31.80 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से निश्चित उत्पाद शुल्क लगाती है।
साइकिल पर आ गये थे शिवराज
मनमोहन सिंह सरकार में जब पेट्रोल-डीजल के दाम कई बार बढ़े थे तब मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री रहते हुए शिवराज सिंह और उनकी काबीना साइकिल पर आ गई थी। दामों में बढ़ोतरी के विरोध में शिवराज सिंह और उनकी कैबिनेट के सदस्य साइकिल से चलकर सचिवालय पहुंचा करते थे।
मुख्यमंत्री शिवराज और उनकी काबीना के सदस्यों द्वारा मुख्यमंत्री निवास एवं अपने घरों से राज्य सचिवालय तक साइकिल से तय किये जाने वाले ‘सफर’ के वीडियो फुटेज़ को मीडिया में खूब जगह मिला करती थी।
कहां है शिवराज की साइकिल?
मध्य प्रदेश में अब पेट्रोल पर सबसे ज्यादा टैक्स और पेट्रोल-डीजल के दामों में हर दिन उछाल के बाद बन रहे नये कीर्तिमानों को लेकर राज्य कांग्रेस आये दिन सवाल पूछती है, ‘मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की साइकिल आज कहां है? क्यों नहीं वे अपने से टैक्स कम करके प्रदेश की जनता को राहत देते हैं? क्यों नहीं केन्द्र की सरकार से दाम कम करने को कहते हैं? क्यों नहीं शिवराज सिंह और बीजपी, पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने की पैरवी करते?”
महंगा होने से बिक्री में गिरावट
मध्य प्रदेश पेट्रोल पंप एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह कहते हैं, ‘अधिक वैट और टैक्स वसूलने से राज्य को नफ़े की जगह नुक़सान हो रहा है।’ सिंह का कहना है, ‘मध्य प्रदेश देश का दिल है, बड़ी संख्या में ट्रक, ढुलाई, यात्री और निजी वाहन यहॉं से पास होते हैं। दाम ज्यादा होने की वजह से राज्य के बाहर के ऐसे वाहन मध्य प्रदेश में ईंधन नहीं डलाते। मध्य प्रदेश के वाहन मालिक भी पैसे बचाने के लिए पड़ोसी राज्यों से ईंधन लेते हैं। ऐसे में राज्य की बिक्री का अंश निरंतर कम हो रहा है।’
नसीहत भूल गए मोदी: कांग्रेस
मध्य प्रदेश कांग्रेस मीडिया सेल के प्रमुख के.के.मिश्रा कहते हैं, “मनमोहन सरकार को पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि को लेकर नसीहत देने वाले नरेंद्र मोदी आज देश के प्रधानमंत्री हैं। वे जब नसीहत देते थे तब गुजरात के सीएम थे। आज अपनी ही बात को मोदी और केन्द्र की सरकार भूल चुकी है।”
मिश्रा ने कहा कि मनमोहन सरकार में कच्चा तेल महंगा था और मोदी सरकार में सस्ता है, बावजूद इसके मोदी सरकार में पेट्रोलियम पदार्थ के दाम थमने का नाम नहीं ले रहे हैं।
मिश्रा मध्य प्रदेश के संदर्भ में कहते हैं, “मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जबरदस्त नौटंकियां करते हैं। उनकी भी कथनी और करनी के अंतर को राज्य की जनता समझ चुकी है। वक्त आने पर जनता उनसे भी हिसाब जरूर चुकता कर देगी।”
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