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आदिवासी का पैर धोते सीएम शिवराज का फाइल फोटो।

एमपीः सीएम शिवराज ने जिसके पैर धोए फिर वो कौन था

मध्य प्रदेश में उस आदिवासी पीड़ित की पहचान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है जिस पर एक व्यक्ति ने पेशाब कर दिया था। जिसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने सरकारी आवास पर बुलाकर उससे माफी मांगी और उसके पैर धोए।
सवाल उठ रहे हैं कि क्या प्रवेश शुक्ला ने जिस व्यक्ति पर पेशाब किया था और जिस दशमत रावत के पैर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने धोए थे, क्या वे एक ही हैं? 
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इस विवाद पर एमपी पुलिस ने बयान दिया है, लेकिन पहले ये जानते हैं कि सारा विवाद क्या है। कांग्रेस के इस ट्वीट को देखिए-
यूपी काडर के पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह का ट्वीट देखिए- 
आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी के कट्टर समर्थक और आरएलडी नेता बीरपाल मलिक का ट्वीट देखिए-

क्या कहती है एमपी पुलिस

पुलिस अधीक्षक (एसपी) रवींद्र वर्मा और कलेक्टर साकेत मालवीय ने अपने आधिकारिक हैंडल पर वीडियो संदेश जारी कर कहा है कि पीड़िता की पहचान के संबंध में गलत सूचना सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही है। पुलिस और जिला प्रशासन ने बयान जारी कर दावा किया है कि घटना में दशमत रावत पीड़ित था।   
सीधी एसपी रवींद्र वर्मा ने कहा कि “वायरल वीडियो मामले में कुछ समाचार चैनल भ्रामक खबर चला रहे हैं कि वीडियो में दिख रहा व्यक्ति दशमत रावत नहीं है,  जबकि पुलिस जांच में पुष्टि हुई है कि वीडियो में दिख रहा व्यक्ति दशमत रावत है। इसलिए, पुलिस ऐसी सभी भ्रामक खबरों का खंडन करती है।”
जिला कलेक्टर साकेत मालवीय ने भी एक वीडियो संदेश साझा किया है, जिसमें कहा गया है, “जिले के वायरल वीडियो मामले में, कुछ समाचार चैनलों/मीडिया समूहों में एक भ्रामक खबर चलाई जा रही है कि वीडियो में दिखाई देने वाला पीड़ित दशमत रावत नहीं है, जबकि यह है। पुलिस जांच में पुष्टि हो गई है कि वीडियो में दिख रहा शख्स दशमत ही है।”
एसपी रवींद्र वर्मा ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया कि प्रवेश शुक्ला समेत चार गवाह थे और सभी ने दशमत रावत को पहचान लिया है। मैंने सभी चार व्यक्तियों से पूछताछ की है और उन सभी ने पीड़िता को पहचान लिया है। दशमत रावत की पत्नी ने भी वायरल वीडियो में दिख रहे शख्स को अपने पति के रूप में पहचाना है। दूसरे व्यक्ति के बारे में कोई सवाल ही नहीं है। 
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पुलिस का कहना है कि कुछ मीडिया रिपोर्टों में दशमत के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है, जिसके बाद से गलत सूचनाएं फैलाई जा रही हैं।' वर्मा ने यह भी बताया कि पुलिस को सौंपे गए हलफनामे में भी वही तस्वीर (दशमत की) है।एसपी ने कहा कि “वीडियो को तकनीकी टीम से सत्यापित किया गया जिसके बाद प्रवेश शुक्ला के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। दशमत एक बहुत छोटे से गाँव में रहता है और लोग एक दूसरे को जानते हैं। अगर किसी दूसरे व्यक्ति पर संदेह होता तो गांव के लोग जवाब देते। यह सब गलत सूचना फैलाई जा रही है।''
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क़मर वहीद नक़वी
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