मध्यप्रदेश में आदिवासियों-दलितों पर अत्याचार की वारदातें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कटनी थाने में छह पुलिस वालों द्वारा दादी-पोते की बेरहमी से पिटाई का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ कि आदिवासी बाहुल्य सिंगरोली जिले से दिल दहलाने वाली घटना सामने आ गई है। अवैध रेत के कारोबार में संलग्न दबंगों द्वारा एक आदिवासी किसान को ट्रैक्टर से कुचलकर मार डाला गया है। आरोपी भाजपा से जुड़े बताये गये हैं।
सिंगरोली जिले में अपने खेत से अवैध रेत का परिवहन रोकने गए आदिवासी किसान की ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या कर दी गई। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी ड्राइवर ट्रैक्टर छोड़कर मौके से भाग निकला। मामला बरका चौकी क्षेत्र के गन्नई गांव में रविवार रात का है। घटना के बाद मौक़े पर लोगों की भीड़ लग गई। घायल किसान दर्द से कराहता रहा। वहीं, उसकी पत्नी और बच्चे मदद की गुहार लगाते रहे, मदद मिलने में हुई देर के कारण किसान की मौत हो जाने का आरोप है।
सिंगरोली पुलिस के मुताबिक़, मृतक किसान की पहचान इंद्रपाल अगरिया (46) के रूप में हुई है। रेत माफिया से जुड़े लोग गन्नई गांव से निकलने वाली पटीर नदी से रेत का अवैध उत्खनन कर इंद्रपाल के खेत से जबरदस्ती ट्रैक्टर निकाल रहे थे। खेत में लगी धान की फसल को खराब होता देख इंद्रपाल ने आपत्ति जताई तो आरोपियों ने उसे ट्रैक्टर से कुचल दिया। उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
आरोप है कि घटना को अंजाम देने वालों के तार भाजपा से जुड़े होने की वजह से पुलिस लीपापोती में जुट गई है। पुलिस का एक बयान यह सामने आ रहा है कि, परिजन ट्रैक्टर से कुचलने से मौत नहीं बल्कि धक्का लगने से मौत होने की बात कह रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि पुलिस डरा-धमकाकर हत्या को दुर्घटना में बदलने की कोशिश में जुट गई है।
समाचार लिखे जाने के वक्त तक घटना हुए 16 घंटे हो चुके थे, लेकिन पुलिस आरोपियों को पकड़ नहीं पायी थी। यह जरूर हुआ है कि पुलिस ने मामला दर्ज किया है। आरोपी जिस ट्रैक्टर को छोड़कर भागा था, उसे जब्त कर लिया गया है।
पूरे घटनाक्रम के बाद राजनीति तेज है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए रात का वीडियो फुटेज एक्स पर पोस्ट किया है। उधर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के सीनियर लीडर कमल नाथ ने भी सरकार पर तमाम आरोप लगाये हैं।
मध्य प्रदेश में दलित और आदिवासियों पर अत्याचार से जुड़ी वारदातें सतत हो रही हैं। बीते महीने भर में दर्जन भर ऐसे घटनाक्रम हुए हैं, जिनसे सरकार की भद्द पिटी है। सरकार पर विपक्ष ने तीखे आरोप लगाये हैं। उसे कठघरे में खड़ा किया है।
विपक्ष का आरोप रहा है कि भाजपा दलित-आदिवासियों के नाम पर केवल राजनीति करती है। वोट के लिए उपयोग करती है। अत्याचार गवाही दे रहे हैं कि वास्तव में इन समुदायों के प्रति भाजपा की सहानुभूति नहीं है। सिंगरोली घटनाक्रम को लेकर फिलहाल सरकार की और से कोई बयान सामने नहीं आया है।
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